Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

बाल विवाह पर जागरूकता के लिए विभागीय अधिकारियों को दिलाई गयी शपथ

Awareness-officers-were-sworn-in-on-child-marriage
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

Awareness-officers-were-sworn-in-on-child-marriage

फरीदाबाद, 07 अप्रैल। देश में बाल विवाह की घटनाओं पर अंकुश लगाने और लोगों को इस परंपरा के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों कि पालना करते हुए आज अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में डब्ल्यूसीडी विभाग के पर्यवेक्षकों के साथ बाल विवाह को ले कर डीपीओ और पीपीओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय एनआईटी में जिला कार्यक्रम अधिकारी मिनाक्षी चौधरी और जिला संरक्षण अधिकारी हेमा कौशिक की मौजूदगी में आंगनवाड़ी कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए कि वह अपने अपने कार्य क्षेत्र में जाकर बच्चों और उनके अभिभावक को बाल विवाह न करने के लिए जागरूक करे इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शपथ भी दिलाई गयी ।

जिला कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने बताया  कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, और परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना इस समस्या का प्रभावी समाधान हो सकता है। इसके अलावा, सामुदायिक सहभागिता और परंपरागत मान्यताओं में बदलाव लाना भी जरूरी है।  

उन्होंने बताया कि यदि किसी लड़की कि उम्र 18 वर्ष से कम और लड़के कि उम्र 21 वर्ष से कम है और उनका बाल विवाह होने कि खबर मिलती है तो बाल विवाह करवाने वाले सम्बंधित व्यक्तिओं के खिलाफ कानून  कार्यवाई की जाएगी। यह जागरूकता  कार्यक्रम आगामी 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) तक निरंतर चलेगा।

जिला संरक्षण अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि बाल विवाह के परिणामस्वरूप बच्चे अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते और उनका व्यक्तिगत विकास रुक जाता है। लड़कियों के मामले में, यह प्रथा उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर गंभीर प्रभाव डालती है। कम उम्र में मां बनने से जच्चा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बाल विवाह घरेलू हिंसा, शोषण, और गरीबी के दुष्चक्र को भी बढ़ावा देता है।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad News

Post A Comment:

0 comments: