बैठक में जिला उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि प्राकृतिक आपदा को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन आपदा के समय जागरूकता और सूझबूझ से जान एवं माल के नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की जो योजना जिला स्तर पर तैयार की गई है उस पर सभी अधिकारी सजग रहते हुए कार्य करें। उन्होंने आपदा प्रबंधन व बचाव के तरीकों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मॉक ड्रिल करवाने और जागरूकता कार्यक्रम करवाने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन से संबंधित पुस्तक वितरित करते हुए बचाव व राहत कार्य की जानकारी दी जाए। उन्होंने सिविल सर्जन को भी निर्देश दिए कि वे भी चिकित्सकों एवं सहयोगियों की टीम व पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का स्टॉक को आपदा के लिहाज से प्रबंधन मेंं रखें।
इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रबंधन और आगजनी की घटनाओं के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर भी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एडीसी अखिल पिलानी, एसडीएम पलवल ज्योति, एसडीएम होडल बलीना, डीएमसी मनीषा शर्मा, सीटीएम अप्रतिम सिंह, जिला राजस्व अधिकारी बलराज सिंह दांगी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
आपदा में जागरूकता ही बचाव का कारगर तरीका
उपायुक्त ने कहा कि आपदा के बारे में जागरूकता ही बचाव का कारगर तरीका साबित होता है। आपदा प्रबंधन योजना के बारे में ग्राम स्तर तक लोगों को जानकारी होनी चाहिए। सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व जिलावासियों को जानकारी होनी चाहिए कि आपदा के समय जिला आपदा प्रबंधन के तहत राहत शिविर आदि कहां स्थापित किए गए हैं।
भूकंप आने पर ये बरते सावधानी
उपायुक्त ने कहा कि मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं। भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सेफ जगह कोई नहीं होती है। किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों। अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं, जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल ही बेस्ट होता है।
अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं। आपदा के समय एक-दूसरे के मददगार बनें।
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