फ़रीदाबाद के सेक्टर 15 स्थित सामुदायिक भवन में भी बिहार दिवस पर स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें फ़रीदाबाद के केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल, राजेश नागर, विधायक मूलचंद शर्मा, सतीश फागना, धनेश अदलखा, पूर्व विधायक, सभी वरिष्ठ भाजपा नेता, ज़िला अध्यक्ष, बिहार दिवस कार्यक्रम के संयोजक व सह संयोजक, भाजपा पदाधिकारी एवं भाजपा कार्यकर्ता और फ़रीदाबाद में रहने वाले बिहार के लोग उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी व प्रवक्ता एवं बिहार से एम.एल.सी संजय मायूख और भाजपा बिहार प्रदेश मंत्री सरोज झा मुख्य तौर पर उपस्थित रहेंगे । प्रेस वार्ता में भाजपा ज़िला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, बल्लभगढ़ ज़िला अध्यक्ष सोहनपाल सिंह और बिहार दिवस कार्यक्रम के ज़िला संयोजक राजकुमार वोहरा, जिला महामंत्री सुरेन्द्र जांगड़ा, जिला मीडिया प्रभारी विनोद गुप्ता, सह प्रभारी राज मदान, सह संयोजक पुनीता झा एवं विकास सिंह आदि उपस्थित रहे। प्रेस वार्ता में भाजपा ज़िला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, सोहनपाल सिंह ने बिहार राज्य के लोगों को बिहार दिवस पर बधाई दी ।
प्रदेश मंत्री सरोज कुमार झा ने कहा कि 2 करोड़ से ज़्यादा बिहार के लोगों ने देश के अन्य 27 राज्यों को अपनी कर्मस्थली बनाया है और सामाजिक सद्भाव के साथ देश के अन्य राज्यों के लोगों के साथ रहते हैं और इन राज्यों के आर्थिक विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं । फरीदाबाद में भी 2 लाख से ज्यादा बिहार के लोग रहते हैं । बिहार दिवस को बड़े धूमधाम और विशाल स्तर पर देश भर में मनाना, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'एक भारत- श्रेष्ठ भारत' पहल का हिस्सा है।
“उन्नत बिहार, विकसित बिहार'' की थीम पर बिहार दिवस मनाया जा रहा है । झा ने कहा कि 113 वर्ष पहले 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार एक नया राज्य बना। यह दिन बिहार की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को याद करने और राज्य की समृद्धि, विकास तथा उपलब्धियों का उत्सव मनाने का अवसर है। बिहार दिवस, बिहार के लोगों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर, शिक्षा, कला, साहित्य और संघर्ष की प्रेरणा देने का दिन होता है।
बिहार दिवस के आयोजन से बिहार के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर की जानकारी देश के अन्य राज्यों के लोगों तक पहुंचेगी। राष्ट्र के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में बिहार का उल्लेखनीय योगदान रहा है । राज्य की लोक कला, संगीत, नृत्य और भोजन की विविधता समूचे विश्व में प्रसिद्ध है ।
सरोज झा ने कहा कि क्रांति और शांति की धरती बिहार ने भारतीय इतिहास में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। बोधगया में भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया, प्राचीन काल में ज्ञान का केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है । बिहार को चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक जैसे महान सम्राटों की कर्म स्थली के रूप में भी जाना जाता है ।
महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट का जन्म भी बिहार में ही हुआ। अपनी गौरवशाली धरोहर के कारण बिहार ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। एन.डी.ए सरकार के 10-12 वर्षों के कार्यकाल में बिहार की तस्वीर में बहुत बदलाव आया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों और बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार हो रहे हैं और बिहार एक अति पिछड़े राज्य से आगे बढ़कर एक उन्नत और विकसित राज्य के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है ।
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