उन्होंने बताया कि बीते एक दशक में इस योजना ने भारत में लैंगिक समानता और बच्चियों की स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने बताया कि 10वीं वर्षगांठ के तहत आयोजित किए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रम 8 मार्च, 2025 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस तक जारी रहेंगे।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा’ लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा में शुरू किया था। इसका उद्देश्य बच्चियों को बेहतर जिंदगी, शिक्षा, सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण पर जोर देते हुए लिंगानुपात में सुधार करना और बालिकाओं को पढऩे के समान अवसर प्रदान करना है।
उपायुक्त ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लैंगिक असंतुलन को दूर कर बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की ओर से शुरू की गई एक प्रमुख पहल है, जो बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ने बालिकाओं के जीवन को नई दिशा देकर बेहतर बनाया है। पिछले 10 वर्षों में महिला शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर में सुधार से बड़ा बदलाव आया है। सशक्त महिलाएं विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
उपायुक्त ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसका समापन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च 2025 को होगा। उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए रैलियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना सकारात्मक बदलाव के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करती रहें। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त बनाए और विकसित भारत के निर्माण में योगदान दें।
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