यह जानकारी सीईओ जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सतबीर मान ने देते हुए बताया कि डीसी विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में यह मेला ग्रामीण हस्तशिल्प, संस्कृति और व्यंजनों का अद्भुत संगम बना है, जहां हरियाणा सहित देशभर के स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे है।
उन्होंने बताया कि यह मेला न केवल ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देता है, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। इस मेले में हस्तशिल्प, हैंडलूम, जैविक उत्पाद, सजावटी वस्तुएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं।
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सरस मेला 2025 का आयोजन 6 फरवरी तक फरीदाबाद के एसएचवीपी ग्राउंड, सेक्टर-12, टाउन पार्क के पास किया जा रहा है। मेले में आमजन निशुल्क प्रवेश कर मेले के आयोजन का लाभ उठाएं।
उन्होंने बताया कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूह को एक मंच प्रदान करना है, जहां ये अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर सकें और व्यापक बाजार तक पहुंच बना सकें। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरस मेला सिर्फ खरीदारी के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति को जानने और समझने का भी एक सुनहरा अवसर होता है। यहाँ विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपने नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करते हैं, जिससे यह मेला और भी मनोरंजक बन जाता है।
ग्रामीण हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद देशभर के बेहतरीन शिल्पकारी द्वारा तैयार उत्कृष्ट वस्तुएं, स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, बिहार राज्यों समेत विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम हर दिन लोक नृत्य, संगीत और कला के शानदार प्रदर्शन, महिला उद्यमिता की झलक: एसएचजी द्वारा निर्मित उत्पादों की विक्री और प्रदर्शनी, जो महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं।
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