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हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की स्कूली शिक्षा मे शामिल किया जायेगा शतरंज

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हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

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13 फरवरी 2025 - 35 साल बाद परिवर्तन बदलाव कर भारत सरकार द्वारा लागू की गई देश की नई नेशनल शिक्षा नीति के तहत हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की स्कूली शिक्षा मे शतरंज को जोरदार तरीके से शामिल किया जायेगा भारत सरकार की नई नेशनल शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश में पहला प्रदेश हरियाणा राज्य ही होगा नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा का स्तर सुधारकर ऊंचा करने तथा बच्चों का टैलैंट निखारने के लिये ये नई पहल की गई है, शतरंज के प्रधान महाभारत के भीष्म पितामह शक्तिमान मुकेश खन्ना जी के नेतृत्व वाली हरियाणा शतरंज  (एचसीए) के प्रदेश महासचिव अखण्ड ब्रह्मचारी अविवाहित कुलदीप शतरंज और हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री  महिपाल ढांडा जी के बीच आयोजित एक बैठक के दौरान शतरंज को शिक्षा विभाग मे शामिल करने बारे विशेष बातचीत हुई शिक्षा मंत्री जी ने शिक्षा विभाग के बड़े सीनियर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि वे शतरंज को शिक्षा विभाग में शामिल करने बारे एक रिपोर्ट तुरन्त प्रभाव से जल्द से जल्द ही तैयार कर मंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत करे ताकि जल्द ही शतरंज को शिक्षा विभाग मे आपशनल सबजेक्ट पाठयक्रम के रूप मे शामिल किया जा सके।  

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से मान्यता प्राप्त एवं वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयकर छूट प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव अखण्ड ब्रह्मचारी अविवाहित कुलदीप शतरंज ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ अब प्रदेश के स्कूलों मे डिजिटल ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से बच्चों की तार्किक क्षमता बढ़ाने का काम भी शुरू किया गया है । 

भारत सरकार की नई नेशनल शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मे शतरंज को शामिल करने की जोरदार पहल की गई है। ताकि देश में एक स्वस्थ उज्जवल नवीन और सुरक्षित शतरंज की स्थापना की जा सके प्रदेश में गरीब से गरीब बच्चों के दरवाजे तक निशुल्क शतरंज पहुंचाने तथा शतरंज का बिजनेस व्यवसायीकरण रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे, नई नेशनल शिक्षा नीति में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। 

साथ ही कहा गया है कि भारतीय खेल शतरंज का उदय भारत में ही हुआ है। भारत देश के स्कूली बच्चों को शतरंज से अनिवार्य रुप से जोड़ा जाना चाहिए नई नेशनल शिक्षा नीति पर अमल के लिए भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) व अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआइसीएफ) से मान्यता प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) ने इसके लिये पूरा रोडमैप तैयार किया है। ताकि नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा विभाग में शतरंज को शामिल करने में किसी तरह से देरी नही हो सके। 

इसे तेजी से लागू कराने के लिये शतरंज के प्रधान महाभारत के भीष्म पितामह शक्तिमान मुकेश खन्ना जी के नेतृत्व मे एक बड़े स्तर की नेशनल लेवल कमेटी गठित की गई है जिसमें हरियाणा प्रदेश से, राजस्थान से, दिल्ली से भारत सरकार के कई बड़े सीनियर आईएएस व आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है कई देशों विदेशों के पाठ्यक्रम में सब्जेक्ट के तौर पर पहले से शामिल - रूस अमेरिका चीन ब्रिटेन हंगरी जर्मनी स्पेन इटली कनाडा इजरायल तुर्की समेत अन्य कई देशों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई सालो पहले से ही शतरंज को शिक्षा मे सब्जेक्ट के रूप में शामिल किया हुआ है शतरंज भारतीय खेल है लेकिन इसकी पूजा विदेशों में ज्यादा की जाती है रूस के राष्ट्रपति पुतिन जी शतरंज के बड़े अच्छे खिलाड़ी है तथा रूस शतरंज महासंघ का नेतृत्व करते है डेनमार्क की जनता के तो डीएनए में ही शतरंज बताते है  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेशनल शिक्षा नीति में 7 पेज शतरंज के शामिल कराये है 

बच्चों के विकास पर सागर मंथन - 

नई नेशनल शिक्षा नीति के तहत स्कूलों के माध्यम से डिजिटल ऑनलाइन व ऑफलाइन पढऩे वाले बच्चों को अनिवार्य रुप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही उन्हें शब्द और तर्क पहेलियों जैसी गतिविधियां से भी जोडऩे के निर्देश दिये गए है। नई नेशनल शिक्षा नीति में बच्चों में घटती तार्किक क्षमता को लेकर चिंता जताई गई है। 

उन्होंने बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति में कहा गया है जिस तरह से स्कूलों में बच्चों के स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और शारीरिक कसरत जरूरी है, उसी तरह से दिमाग के विकास के लिए दिमागी कसरत भी जरूरी है। जो शतरंज की गतिविधियों से ही हासिल की जा सकती है। नई नेशनल शिक्षा नीति से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए गहराई से चिंतन किया गया है 

शिक्षा का स्तर उंचा उठाने के लिये शतरंज बेहद आवश्यक -

उन्होने आगे बताया कि नई नेशनल शिक्षा नीति में शतरंज को पूरी ताकत के साथ बढ़ावा देने की बात कही गई है। शिक्षा का स्तर उंचा उठाने के लिये शतरंज खेलना बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है शतरंज बच्चों में समस्या-समाधान और तर्क-वितर्क की तार्किक क्षमता को बढ़ाने का एक आनंददायी तरीका है, इसके जरिए बच्चों में तर्क करने की क्षमता विकसित की जा सकती है। 

नई नेशनल शिक्षा नीति में कहा गया है कि यदि स्कूली स्तर पर बच्चों में तर्क करने की यह क्षमता विकसित कर दी जाए, तो उसे पूरे जीवन उसका फायदा मिलेगा। नई नेशनल शिक्षा नीति से साफ है कि स्कूली शिक्षा को मजबूत बनाने और बच्चों के विकास के लिए शतरंज पर चिंतन किया गया है। 

नई शिक्षा नीति में बच्चों को गणितीय अंक ज्ञान से जोडऩे की सिफारिश भी की गई है। नई नेशनल शिक्षा नीति में कहा गया है कि मौजूदा समय में बच्चे केवल एक करोड़ तक गिनना सीखते है, जो कि आज की दुनिया में अपर्याप्त है। 

आज के आधुनिक समय में बच्चों को दस की घात-एक से महाशंख तक सिखाना चाहिए, ताकि वे बड़ी समस्याओं को समझ सके और अपने जीवन में इस्तेमाल कर सके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात गोवा तमिलनाडु में कई साल पहले से ही शिक्षा में शतरंज को सब्जेक्ट पाठयक्रम के रूप मे शामिल किया है

बच्चे के लिये शतरंज खेल अति आवश्यक -

कलयुग मे नेगेटिव शक्तियां सारे बच्चे महिलाये युवा व्यक्तियो मे 24 घण्टे प्रवेश करती रहती है नेगेटिव शक्तियां मोह माया वासना क्रोध अहंकार इच्छाये etc से बचने के लिये शतरंज खेलना अति आवश्यक है शतरंज मे सर्व शक्तिमान श्रीहरि नारायण की शक्तियां है 

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