जबसे फरीदाबाद नगर निगम बना है तब से आज तक किसी भी ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को मेयर पद नहीं दिया गया है। इस वजह से भी ब्राह्मण समाज की प्रबल दावेदारी बनती है।
ब्राह्मण सभा के महासचिव राकेश वशिष्ठ ने कहा कि पहली बार शहर का मेयर सीधे तौर पे चुना जायेगा। ब्राह्मण समाज इस नेतृत्व को जनभावनाओं के अनुरूप चलाने में सक्षम है और अपने समाज के व्यक्ति की कार्यशैली की ज़िम्मेदारी भी लेने के लिए तैयार है। मेयर के अधिकारक्षेत्र में आने वाली शहर की मूलभूत समस्याओं को लेकर ब्राह्मण समाज संवेदनशील है और यदि प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी ब्राह्मण समाज की महिला को मेयर पद का उम्मीदवार बनाती है तो पूरा ब्राह्मण समाज ना केवल चुनाव में सत्तापक्ष पार्टी के साथ एकजुट रहेगा बल्कि भविष्य में भी चुने हुए ब्राह्मण मेयर को अपना दायित्व निर्वहन करने में सम्पूर्ण मदद करेगा।
केसी शर्मा (रिटायर्ड सेशन जज) ने अपने वक्तव्य में कहा कि आने वाले समय में राजनीति के हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी में इज़ाफ़ा होगा और ब्राह्मण समाज भविष्य की राजनीति के लिए अभी से कुशल ब्रह्मण महिला नेतृत्व सर्व समाज को देना चाहता है जिसकी शुरुआत फरीदबाद नगर निगम के मेयर पद से की जानी सबसे उचित है। इसके लिए युवा ब्राह्मण नेता का चयन सभी पार्टियों द्वारा किया जाना चाहिए।
पूर्व सैनिक राम भारद्वाज ने भी ब्राह्मण एकता पर ज़ोर देते हुए अभी से युवा नेतृत्व को तराशने और उचित मौका दिए जाने पर ज़ोर दिया।
समाजसेवी पारस भारद्वाज ने राजनीति में युवा नेतृत्व और खासकर महिला नेतृत्व में राजनीतिक परिवारों से हटकर नए चेहरों को आधुनिक राजनीति के दौर में बढाए जाने का समर्थन किया।
आज की प्रेस वार्ता में ब्राह्मण समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे और सभी ने पुरज़ोर तरीके से मेयर पद के लिए ब्राह्मण समाज की दावेदारी प्रस्तुत की।
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