उन्होंने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक व डॉक्टर द्वारा पहली बार गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर 3 साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा इसके उपरांत पुन: जुर्म करने पर 5 साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है।
पति/परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए एक्ट में पहले अपराध पर 50 हजार रुपए तक के जुर्माने के साथ 3 साल तक की कैद तथा इसके उपरांत पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोप तय होने पर डॉक्टर का मेडिकल रजिस्ट्रेशन निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले अपराध के मामले में राज्य मेडिकल काउंसिल द्वारा डॉक्टर के मेडिकल पंजीकरण को 5 साल के लिए तथा इसके उपरांत अपराध के मामले में स्थायी रूप से मेडिकल पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा।
जिला का लिंगानुपात बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होकर करने होंगे सामूहिक प्रयास : उपायुक्त
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने जिले वासियों से पलवल जिले के घटते लिंगानुपात को फिर से बढ़ाकर जिला को लिंगानुपात के मामले में पुन: पहले पायदान पर लाने का आह्वान करते हुए कहा कि लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि बेटियां अनमोल हैं और इन्हें भी दुनिया में आने का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि केवल बालिका दिवस व महिला दिवस मनाने से कन्या भ्रूण हत्या समाप्त नहीं होगी।
इसके लिए हम सबको मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे व बेटियों को बेटों के समान दर्जा देने लगेंगे उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है।
उन्होंने कहा कि बेटियां आज किसी भी मामले में बेटों से पीछे नहीं हैं। इसलिए उन्हें घर की चारदीवारी से बाहर निकलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वह भी अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच बदलनी होगी।
भ्रूण हत्या व लिंग जांच की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर अल्ट्रासाउंड सेंटर का पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से होगा रद्द :
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि यदि कोई अल्ट्रासाउंड सेंटर भ्रूण हत्या व लिंग जांच की गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो अल्ट्रासाउंड सेंटर का पीएनडीटी रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा और आरोपी के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यदि कोई गर्भवती महिला नकली ग्राहक बनकर भ्रूण हत्या व लिंग जांच करने वालों को पकड़वाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करती है तो उस महिला को 50000 रुपए दिए जाते हैं तथा उसका नाम भी पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाता है। उन्होंने आमजन से भ्रूण हत्या व लिंग जांच के बारे में सूचना देकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करने की अपील की है।
कन्या भ्रूण हत्या है महापाप : उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या महापाप है, जिसका कोई प्रायश्चित नहीं है। पुत्र की चाह में कई दंपत्ति भ्रूण लिंग परीक्षण कराकर कन्या भ्रूण होने पर गर्भपात जैसा जघन्य पाप कर देते हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को जन्म लेने दें और उनका पालन पोषण अच्छे से करें। बेटियां किसी भी सूरत में बेटों से कम नहीं हैं यह मानें। इसके लिए सभी को संकल्पित होना होगा। उन्होंने कहा कि बेटियों को बचाना है और पढ़ाना है।
लड़कियों का जन्म दर का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है, यह चिंता का विषय है। लड़कियां देश का भविष्य है इसलिए कन्या भ्रूण हत्या करना व करवाना पाप तथा कानून अपराध है। आज बेटियों ने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित कर अपने परिवार, समाज व देश का नाम रोशन किया है। हमें भारत सरकार की बेटी-पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसी मुहिम को आगे बढ़ाना होगा तभी लिंगानुपात में सुधार होगा।
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