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38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के उद्घाटन में सम्मिलित हुए कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल

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7 फरवरी 2025: हरियाणा के सूरजकुंड में शुक्रवार को  38वें अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला का भव्य उद्घाटन हुआ, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'शिल्प महाकुंभ' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, विरासत एवं पर्यटन मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेश नागर, युवा उद्यमिता मंत्री गौरव गौतम और अन्य विधायकों की भी उपस्थिति रही।

इस वर्ष मेले का विषय ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ है, जिसे आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश और उड़ीसा को थीम स्टेट के रूप में चुना गया है। इसके अलावा, बिम्सटेक देशों—भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका—ने भी इस मेले में अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उद्घाटन के दौरान कहा, "सूरजकुंड मेला शिल्पकारों को अपनी कला और प्रतिभा दिखाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। यहां से शिल्पकार और कलाकार सीधे पर्यटकों से संपर्क करते हैं, और यह अवसर उनकी कला को दुनिया भर में पहचान दिलाता है। यह मेला सभ्यताओं के सहयोग से ही आगे बढ़ता है, और हम चाहते हैं कि यहाँ आने वाले सभी शिल्पकार और कलाकार सुखद अनुभव लेकर जाएं।"

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, "यह मेला कला और संस्कृति का कुंभ है, जो न केवल देश के भीतर, बल्कि विदेशों में भी अपनी साख बना चुका है। सूरजकुंड मेला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के सपने को साकार करता है। यह मेले के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को न केवल सहेज रहे हैं, बल्कि इसे पूरी दुनिया में प्रस्तुत भी कर रहे हैं।"

कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बताया, "यह मेरे लिए गर्व की बात है कि हरियाणा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में सूरजकुंड मेला एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में, हरियाणा सरकार लोक-संस्कृति और हस्तशिल्प को सहेजने के साथ-साथ आधुनिक विकास की दिशा में भी लगातार कार्य कर रही है। इस मेले का उद्देश्य न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव है, बल्कि यह हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने और कारीगरों को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का भी सशक्त माध्यम है।"

मेले में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कुशल कारीगर अपनी अनूठी कृतियों के साथ प्रदर्शित हो रहे हैं, जो भारतीय कला की विविधता और समृद्धता को दर्शाते हैं। इस वर्ष ओडिशा और मध्य प्रदेश ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को थीम स्टेट के रूप में प्रस्तुत किया है। लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य और संगीत मेले में और अधिक रंगत भर रहे हैं, जिससे यह आयोजन और भी जीवंत हो गया है।

साथ ही, मेले में भारतीय और विदेशी व्यंजनों का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है, जिससे खाद्य प्रेमियों को एक नई अनुभव प्राप्त हो रही है। झूले, साहसिक खेल और अन्य गतिविधियाँ सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मेले को हरियाणा की ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को साकार करने का महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए, इसके आयोजन से जुड़ी सभी टीमों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड मेला अब न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुका है और यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को एक वैश्विक मंच प्रदान कर रहा है।

सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से आए शिल्पकार अपनी कला और शिल्प का अद्भुत प्रदर्शन करेंगे।



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