इस अवसर पर स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि भगवान का नित्य नाम लें, भजन करें। जीवन का कोई भरोसा नहीं है। संतों की वाणी है कि संसार परिवर्तनशील है, इसलिए समय के आने की प्रतीक्षा न करें और आज ही अपने लक्ष्य की तरफ प्रस्थान शुरू करें।
उन्होंने कहा कि कर्म का फल कभी नहीं मिटता, अच्छा हो या बुरा। कर्म की गति बड़ी गहन है। कर्म करते जाओ, फल अवश्य मिलेगा इसका विश्वास रखो। बस आपको इतना तो सोचा होगा कि अच्छे कर्म का अच्छा फल और बुरे कर्म का बुरा फल मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जीव बड़ा होशियार बनता है। उसने गुरु शिष्य संबंध को भी कमर्शियल बना रखा है। वह अपनी मांगों को रखते हुए भगवान से, गुरु से सौदा करता है। लेकिन आप मन में की गई कामना पूर्ण होने पर लिया गया संकल्प अवश्य पूरा करें। इससे जीवन में आपके अच्छा ही होगा। उन्होंने सभी को संतों की शरण में जाने का संदेश दिया। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि कोई भी संत गलत रास्ता नहीं बताता।
इस अवसर पर जयपुर से आए भजन गायक संजय पारीख और लोकेश शर्मा ने गुरु सत मार्ग दिखलाए कोई बिरला ही वहां जाए और जगत में कोई न परमानेंट जैसे भजनों से लोगों का मन मोह लिया। इस अवसर पर दिल्ली से आई मधुबन आर्ट की टीम ने अनेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी को झुमा दिया। उन्होंने कर दो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी नामक भजन पर बहुत सुंदर प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर देश के कोने-कोने और विदेशों से भी आए भक्तों ने गुरु महाराज का प्रवचन सुना और उनसे आशीर्वाद एवं प्रसाद प्राप्त किया। इस अवसर पर आश्रम का संचालक जनहित सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट और सिद्धदाता आश्रम संचालन समिति द्वारा सभी के लिए अल्पाहार एवं भोजन प्रसाद आशीर्वाद प्रसाद की उत्तम व्यवस्था की गई थी। इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट देश दुनिया में बड़ी संख्या में लोगों ने देखा। वहीं स्थानीय प्रशासन की आयोजन में बड़ी सकारात्मक भूमिका देखने को मिली।
आपको बता दें कि वर्ष 1989 में स्थापना के समय से ही यहां 1 जनवरी का कार्यक्रम बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है और वर्ष 2007 में वर्तमान अधिष्ठाता के आचार्य बनने के बाद उनका जन्मदिन भी इस दिन होने से भक्तों में खास जोश देखने को मिलता है।
यहां पिछले दो दिन से रंग-बिरंगी रोशनियों के साथ सिद्धदाता आश्रम एवं लक्ष्मी नारायण दिव्यधाम को जगमग किया हुआ है। जो आने वाले एक हफ्ते तक इसी प्रकार रहने वाला है। बड़ी दूर-दूर से लोग मीडिया के माध्यम से तस्वीरें देखने के बाद सिद्धदाता आश्रम पहुंच रहे हैं।
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