उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा है कि आमजन सावधानी बरतकर सर्दी से अपना व अपने पशुओं का बचाव कर सकते हैं। सर्दी से बचाव के लिए आमजन अपने पास पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। घर में ठंडी हवा का प्रवेश रोकने के लिए दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। जितना संभव हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें।
गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपडे खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें। फेफड़ों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें।
उपायुक्त ने बताया कि सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्गों का हाल चाल पूछते रहें।
जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें तथा रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। उन्होंने कहा कि शीत-घात से बचने के लिए मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीतलहर की संभावना है या नहीं। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि शीतलहर के दौरान पशुओं और पशुधन को जीवन यापन के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ जाती है। रात के समय पशुओं के आवास को सभी तरफ से ढक दें ताकि ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचा जा सके।
चारा खाने, खिलाने और चबाने के व्यवहार पर वसा की खुराक-केंद्रित अनुपात प्रदान करें। शीत लहर के दौरान जानवरों को खुले क्षेत्र में न छोड़ें। जानवरों को ठंडा चारा और ठंडा पानी देने से बचें। पशु आश्रय में नमी और धुएं से बचें।
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