सिविल सर्जन ने बताया कि कुष्ठï रोग त्वचा, तंत्रिकाओ, सांस की नली और आंखों को प्रभावित करता है। कुष्ठï रोग के मुख्य लक्षणो में त्वचा पर विपरित रूप से गांठ, घाव या उभार हो सकता है, जिसमें शारीरिक विकृति भी हो जाती है। यह बीमारी रोगी की नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों को सांस के माध्यम से फैलती है। कुष्ठï रोग का उपचार संभव है।
आमतौर पर इसका इलाज 6 महीने से 1 साल तक चलता है। यह बीमारी हाथ मिलाने, गले लगने, भोजन सांझा करने या एक दूसरे के बगल में बैठने से नहीं फैलती। कुष्ठï रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विश्व कुष्ठï रोग दिवस मनाया जाता है। पलवल में अभी 16 कुष्ठï रोग के केस हैं। सिविल सर्जन डा. जयभगवान ने कार्यक्रम में सभी कर्मचारी व अधिकारियों को शपथ दिलाई गई। कुष्ठï रोग को समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह दिन कुष्ठï रोग के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक विशेष महत्व रखता है। विश्व कुष्ठï रोग दिवस 2025 का विषय शून्य कुष्ठï रोग, कलंक समाप्त और समान अधिकार सुनिश्चित करना है। स्वास्थ्य विभाग 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठï जागरूकता अभियान को सभी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से चलाएगा। इस दौरान विशेष टीमें संदिग्ध कुष्ठï रोगियों की जांच के लिए झुग्गी, बस्तियों, फैक्ट्रियों व कंस्ट्रक्शन एरिया में भ्रमण करेंगी।
एक जुट हो जाओ काम करो खत्म करो थीम पर जिले में आज विश्व कुष्ठï रोग दिवस मनाया गया। इसका उद्देश्य कुष्ठï रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। इससे प्रभावित व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करना और रोग को खत्म करने के लिए प्रेरित करने का है।
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