इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यवेक्षण गृह और सुरक्षा स्थल में रह रहे व्यक्तियों के स्वास्थ्य, कल्याण और कानूनी सहायता सुनिश्चित करना था। टीम ने वहां निवास कर रहे प्रत्येक विधि विवादित बालक (सीसीएल) के साथ विस्तृत बातचीत की, ताकि गंभीर रूप से बीमार या तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
अभियान की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए बी.के. अस्पताल के एक चिकित्सा पेशेवर भी उपस्थित थे, जिन्होंने कैदियों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच और मूल्यांकन में सहायता की। इस अभियान ने कैदियों को समर्थन और सहायता प्रदान करने, उनकी स्वास्थ्य और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने, और उनकी कानूनी चिंताओं को संबोधित करने पर विशेष जोर दिया। इस अवसर पर जिला टीम यूनिट के मेंबर रविंद्र गुप्ता डिफेंस काउंसिल सुपरिटेंडेंट ऑब्जर्वेशन होम खेल सिंह इंचार्ज ऑब्जर्वेशन होम प्रमोद शर्मा आदि भी उपस्थित रहे।
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