डीसी ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। यथा संभव घर के अंदर रहें, ठंडी हवा से बचने के लिए केवल आवश्यक यात्रा ही करें।
भारी कपड़ों की एक परत के बजाय हल्के, ढीले, विंडप्रूफ ऊनी कपड़ों की कई परत पहनें। बाहर निकलते समय अपने सिर, चेहरे, हाथों और पैरों को भी उपयुक्त गर्म कपड़े से ढकें। शरीर में ऊष्मा का प्रवाह बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार जैसे कि विटामिन C से भरपूर स्वस्थ आहार, फल एवं सब्जियों का सेवन करें। शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पिएं।
अपने शरीर को सूखा रखें। यदि गीले हो जाएं, तो शरीर की गर्मी को बचाने के लिए शीघ्रता से कपड़े बदलें। बुजुर्गों और बच्चों की ठीक से देखभाल करें और अनावश्यक घर से बाहर न जाने दें। शराब का सेवन न करें। यह आपके शरीर के तापमान को कम करता है।
कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह एक महत्वपूर्ण पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है और प्रभावित व्यक्ति को तुरंत घर के अंदर ले आना चाहिए। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में आने से त्वचा का रंग पीला, सख्त और सुत्र हो सकता है और अंगूठे, पैर की अंगुलियां, नाक या कान की लोब जैसी शरीर की खुली जगहों पर काले घाव हो सकते हैं। यदि ऐसा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इसके अलावा कम तापमान में अपने पालतू जानवरों का ध्यान रखें और उन्हें घर के अंदर रखें। यदि कोई स्वास्थ्य समस्या उत्पत्र हो, तो पशु चिकित्सक से संपर्क करें।
प्रदेश सरकार द्वारा ठंड के समय शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए रैन बसेरों का प्रबंध किया जाता है, जहाँ कंबल बिस्तर आदि उपलब्ध रहते हैं। जरुरत के समय इन सुविधाओं का उपयोग करके ठंड से बचा जा सकता है।
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