टीम पुरूष आयोग के संस्थापक अध्यक्ष नरेश मेंहदीरत्ता ने अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद एक बार फिर केन्द्र सरकार से महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग की तर्ज पर पुरूष आयोग बनाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मर्द को भी दर्द नहीं होता, लेकिन यह कहावत है, मर्द को भी दर्द होता है। इंजीनियर अतुल सुभाष ने कितनी प्रताडऩा सही है वह केवल वहीं पुरूष जान सकता है तो इन केसों में फंस प्रताडि़त हो रहा है। 84 हजार रूपए मासिक वेतन पाने वाला केवल 10 लाख रूपए ससुराल पक्ष से दहेज में मांगता है। यह कितना बड़ा सच है कि यह पूरा देश जानता है।
मेंहदीरत्ता ने पीडि़त पुरूषों से अपील की है कि मरना किसी समस्या का हल नहीं, मरना बिल्कुल नहीं, मरने की नौबत आए तो कोर्ट में जाकर बोल दो जेल भेजे पैसे नहीं, सिर्फ एक महीना साल का गुजारा भत्ता में होती सजा जो मारने से बेहतर है कि सजा भुगते। अगर किसी भी पीडि़त पुरूष को कोई समस्या आती है कि वह बिना झिझक उनसे 24 घंटे सम्पर्क कर सकत है।
कैंडल मार्च निकालकर प्रदर्शन करने वालों में समाजसेविका अनुराधा, एडवोकेट राजेश खटाना, नव प्रयास सेवा संगठन के अध्यक्ष सुनील यादव, एडवोकेट रविन्द्र सिद्धू, संजीव सिद्धू, संत राम,कृष्ण कृण, गिरजेश शर्मा, जय शर्मा और अन्य के अलावा टीम पुरुष आयोग के सदस्य शामिल है।
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