जिस वक्त यह कारवाई की गई, उस वक्त जयहिन्द वहां नहीं थे। मामले का पता चलने पर जयहिन्द के सैकड़ों समर्थक व जयहिन्द मौके पर पहुंचे और सरकार की कारवाई पर कड़ी आपति जताई है। बताया कि 9 नवंबर को सभी साथियों को तोड़े गए तम्बू में बुलाएंगे और आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे।
जयहिन्द ने प्रेसवार्ता कर बताया कि यह कारवाई इसलिए की गई है क्योंकि इस तम्बू से बुजुर्गों की पेंशन, बेरोजगारों का व अन्य लाखों लोगों की आवाज उठाई गई थी। जिससे यह तम्बू पूरे हरियाणा प्रदेश के लिए आवाज उठाने का केंद्र बना हुआ था। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि हम यमराज से भी नहीं डरते तो सरकार क्या चीज है।
जयहिन्द ने बताया कि ये जो कायराना हरकत हुई है, एक साल पहले भी रात को ही हुई थी और आज भी रात को ही हुई है। जयहिंद ने कहा रात को चोर आते है और हम चार आदमियों के लिए चार सौ पुलिसकर्मी की क्या जरूरत थी दिन में हमें बता देते। हमने तो हाल ही में 12 नवंबर को पीजीआई के कच्चे कर्मचारियों की आवाज स्वास्थ्य मंत्री व राज्यपाल जी के सामने ले जाने की बात कही थी। यह कोई विरोध प्रदर्शन भी नहीं था।
जो प्रशासन यह कह रहा है कि जयहिंद को नोटिस दिया हुआ है उस पर जयहिंद का कहना है कि हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। एक नोटिस मिला था वह भी किसी अज्ञात के नाम पर था जयहिंद के नाम पर नहीं। जहां पर यह तम्बू था वहां पर किसी का कोई प्लाट नहीं था और रही बात बाग की तो बाग में इतने पेड़ काट कर कैसे प्लॉट काट सकती है जबकि हमारे मुख्यमंत्री नायब सैनी जी भी इस समाज से आते है जिस समाज में पेड़–पौधों की रक्षा की जाती है। ओर अगर फिर भी मुख्यमंत्री साहब पेड़ काट कर प्लॉट काटते है तो उन्हे पाप लगेगा।
जयहिन्द ने बताया हमने तो तम्बू से लोगो की आवाज उठाई है अगर सरकार को लगता है कि इस तरह तम्बू पर बुलडोजर चला देने से हम लोगों की आवाज उठाने से रुक जाएंगे तो सरकार बिल्कुल गलत सोचती है। इसके लिए जयहिन्द की जीभ, हाथ–पैर काटने पड़ेंगे या जान से मारना पड़ेगा लेकिन फिर भी हम लोगों की आवाज उठते रहेंगे। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मेरा किसी बाबा से या तंत्र–मंत्र से इलाज नहीं होगा अगर सरकार मुझसे इतनी परेशान है तो मुझे हरियाणा से तड़ीपार कर दे।
जयहिन्द ने कहा कि मुझे ही क्यों टारगेट किया जा रहा है प्रदेश में पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायक है उनके घर कभी पुलिस नहीं जाती। जयहिन्द ने इसका कारण बताया कि जब लोगो की समस्याओं की पक्ष व विपक्ष में कोई सुनवाई नहीं करता तब लोग एक उम्मीद लेकर मेरे तम्बू में आते है। मुख्यमंत्री जी के दरबार में भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता होगा इसीलिए लोग तम्बू में मेरे पास आते है।
आप देखिए जब परशुराम जयंती की तैयारियां रुकवाई गई थी तब इन्होंने सोचा कि हम रुक जाएंगे लेकिन हम नहीं रुके और परशुराम जयंती मनाई। दूसरी बार बाग तोड़ा ओर तीसरी बार आज तम्बू तोड़ दिया। जितनी बार सरकार इस तरह की कायराना हरकत करती है इससे हमारा मनोबल बढ़ता है।
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