जयहिंद ने एक पीजीआई प्रशासन द्वारा जारी एक पत्र दिखाते हुए कहा की यह जो पत्र प्रशासन द्वारा जारी किया गया है यह सभी कर्मचारियों की तख्वाह बढ़ाने के बारे है तो हम पीजीआई प्रशासन से यह पूछना चाहते है कि यह पत्र सच्चा है या झूठा, इस पर पीजीआई प्रशासन अपनी स्थिति स्पष्ट करे।
जयहिंद ने बताया कि अगर जो भी साथी मेरे साथ पीजीआई राज्यपाल व स्वस्थ मंत्री के समक्ष जाना चाहता है तो वह 12 नवंबर को सुबह 9 बजे तक जहां तम्बू तोड़ा गया है उसी स्थान पर पेड़ के नीचे आ जाए। अगर कोई आता है तो ठीक है वरना मैं अकेला जरूर पीजीआई जाऊंगा और समस्या राज्यपाल व मंत्री जी के सामने रखूंगा।
इसके लिए अगर पुलिस प्रशासन मुझे या किसी ओर व्यक्ति को वहां जाने से रोकता है तो मैं प्रशासन को बताना चाहता हूं कि मैं अपनी खुद की जिम्मेदारी पर वहां जा रहा हूं, किसी ओर व्यक्ति का रास्ता रोकने या उस पर केस करने का कोई मतलब नहीं है।
जयहिन्द ने बताया हमने तो तम्बू से लोगो की आवाज उठाई है अगर सरकार को लगता है कि इस तरह तम्बू पर बुलडोजर चला देने से हम लोगों की आवाज उठाने से रुक जाएंगे तो सरकार बिल्कुल गलत सोचती है। इसके लिए जयहिन्द की जीभ, हाथ–पैर काटने पड़ेंगे या जान से मारना पड़ेगा लेकिन फिर भी हम लोगों की आवाज उठते रहेंगे।
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