डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तियों या टीम से राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (आरवीपी) के लिए नामांकन/आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुरस्कार निम्नलिखित चार श्रेणियों में प्रदान किए जाएंगे:
विज्ञान रत्न (वीआर) : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जीवन काल की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम तीन पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
विज्ञान (वीएस) : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
विज्ञान युवा : शांति स्वरूप भटनागर (वीवाई-एसएसबी) पुरस्कार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा को पहचान दिलाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
विज्ञान टीम (वीटी) पुरस्कार : तीन या अधिक वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं/नवप्रवर्तकों की एक टीम को अधिकतम तीन पुरस्कार प्रदान किए जा सकते हैं, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक टीम में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया हो।.
डीसी ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार निम्नलिखित 13 प्रक्षेत्र में दिए जाएंगे, जिनमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जैविक विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा, इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और अन्य शामिल हैं। पुरस्कारों के इस गुलदस्ते के लिए गृह मंत्रालय के पुरस्कार पोर्टल (https://awards.gov.in/) पर 17 नवंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं।
सामान्य दिशा निर्देश और राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार का विवरण, पुरस्कार पोर्टल पर उपलब्ध हैं। इस वर्ष पुरस्कारों का संचालन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा किया जा रहा है।पुरस्कारों की घोषणा 11 मई 2025 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर की जाएगी।
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