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वायु गुणवत्ता के मद्देनजर ग्रेप का दूसरा चरण किया जाए लागू : DC

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पलवल, 5 नवंबर। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठï ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में हवा की बिगड़ती दशा को को सुधारने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) ने जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का दूसरा चरण लागू करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया, हवा की गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने की कोशिश में उप-समिति ने निर्णय लिया है कि सभी संबंधित एजेंसियां एनसीआर में जीआरएपी की स्टेज ॥ के तहत सभी पाबंधियों को लागू करेंगी, इसके अलावा पहले से लागू स्टेज-। की पाबंधियां भी जारी रहेंगी। यह कदम दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए उठाया गया है ताकि लोगों को स्वस्थ और स्वच्छ हवा मिल सके

उपायुक्त ने बताया कि जीआरएपी-॥ के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण उपायों को शामिल किया जाएगा, जो वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होंगे. इसमें तात्कालिक उपाय, जैसे कि सडक़ धूल नियंत्रण और यातायात प्रबंधन, के साथ-साथ दीर्घकालिक रणनीतियां भी शामिल हैं, जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा और परिवहन को बढ़ावा देना। दिल्ली-एनसीआर में जीआरएपी-॥ (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू करने का निर्णय खराब वायु गुणवत्ता के मद्देनजर लिया गया है। एक्यूआईसीएन वेबसाइट के अनुसार, राजधानी के कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता खराब से बेहद खराब दर्ज की गई है।

जीआरएपी में इन उपायों को किया जाएगा लागू :

1. मैकेनिकल स्वीपिंग और जल छिडक़ाव : रोजाना सडक़ों की मैकेनिकल या वैक्यूम स्वीपिंग और जल छिडक़ाव करके सडक़ धूल को कंट्रोल करना।

2. हवा के कणों को फैलने से रोकने वाली मशीनों का इस्तेमाल: मुख्य सडक़ों पर, खासकर हॉटस्पॉट्स और भारी ट्रैफिक रास्तों पर धूल के कणों को बढऩे से रोकने की कोशिश करने वाले यंत्रों का प्रयोग करना, और जमा धूल को सही तरीके से निपटाना।

3. सी व डी साइट्स पर धूल नियंत्रण की सख्त निगरानी: निर्माण और ध्वस्त करने वाली साइट्स सी व डी पर धूल नियंत्रण उपायों के अनुपालन की निगरानी को तेज करना।

4. हॉटस्पॉट्स में वायु प्रदूषण कंट्रोल : चिन्हित किए गए हॉटस्पॉट्स में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लक्षित उपाय लागू करना, उन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता पर सबसे अधिक असर डालने वाले इलाकों पर ध्यान केंद्रित करना।

5. निर्बाध बिजली आपूर्ति : डीजल जनरेटर (डीजी सेट्स) पर निर्भरता कम करने के लिए स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना.

6. डीजी सेट्स के संचालन का नियमन : एनसीआर के सभी क्षेत्रों में ष्ठत्र सेट्स के संचालन के लिए निर्धारित समय-सारणी का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना, जैसा कि नवीनतम निर्देशों में कहा गया है।

7. ट्रैफिक मैनेजमेंट : यातायात की गति को सुगम बनाने के लिए यातायात को समकालिक करना और जाम वाले स्थानों पर स्टाफ की तैनाती करना।

8. जन जागरूकता अभियान : समाचार पत्रों/टीवी/रेडियो के माध्यम से लोगों को वायु प्रदूषण स्तरों के बारे में सूचित करना और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को कम करने के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है की सलाह देना।

9. वाहन पार्किंग शुल्क में वृद्धि : निजी परिवहन को हतोत्साहित करने के लिए वाहन पार्किंग शुल्क में वृद्धि करना।

10. सर्दियों में सुरक्षा कर्मचारियों को खुले में बायो-मास/कचरा जलाने से बचाने के लिए इलेक्ट्रिक हीटर प्रदान करना अनिवार्य करना।

उपायुक्त ने बताया कि यह कार्रवाई वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की व्यापक योजना का हिस्सा है। उन्होंने आमजन से आह्वïान किया कि वे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निजी वाहनों की बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें, तकनीक का प्रयोग करें, ऐसे रूट का प्रयोग करें जो बेशक लंबा हो लेकिन खुला हो, ऑटोमोबाइल में एयर फिलटर नियमित रूप से बदलें, जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य करने व खुले में सोलिट वेस्ट व बायोमास जलाने से बचें।

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