फरीदाबाद - विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद कल से ही फरीदाबाद में भाजपा जश्न मना रही है और दशहरे के ठीक बाद बनने वाली सरकार में फरीदाबाद में कोई न कोई मंत्रालय आना निश्चित है। फरीदाबाद जिले की पांच सीटों पर कमल खिला है जबकि पिछले चुनाव में चार सीटों पर खिला था। एनआईटी और पृथला की सीट पर भाजपा कमल नहीं खिला सकी थी। एनआईटी से कांग्रेस के नीरज शर्मा और पृथला से निर्दलीय नयनपाल रावत को जीत मिली थी। इस चुनाव में नीरज शर्मा को 58 हजार से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे और उप विजेता रहे लेकिन नयनपाल रावत की तो जमानत ही जब्त हो गई और उन्हें मात्र 22023 वोट मिले जबकि विधायक रहते हुए वो सरकार के साथ थे और उनके पास पद भी थी जबकि नीरज शर्मा विपक्ष के विधायक थे।
कल हुई मतगणना में कांग्रेस के रघुवीर तेवतिया को 70262 मत , भाजपा के पंडित टेकचंद शर्मा को 49721 मत और निर्दलीय नयनपाल रावत को 22023 वोट मिले जबकि निर्दलीय दीपक डागर को 16055 वोट मिले , बसपा उम्मीदवार 4412 लेने में कामयाब रहे , अन्य कई उम्मीदवारों को एक हजार से कम वोट मिले और क्षेत्र में चर्चा है कि दो निर्दलीय उम्मीदवारों के कारण यहाँ कमल नहीं खिल पाया और टेकचंद शर्मा उप विजेता रहे लेकिन बड़ी चर्चा ये विधायक रहते हुए नयनपाल रावत जमानत क्यू नहीं बचा पाए। ऐसा क्या हो गया कि 2019 में 64 हजार से ज्यादा वोट लेने वाले नयनपाल रावत को इस बार मात्र 22 हजार वोट मिले।
2019 में जब पृथला में भाजपा उम्मीदवार सोहन पाल सिंह को 21322 वोट मिले थे और नयनपाल रावत जीते थे तो कई बार उन्होंने सोहनपाल पर तंज कसा था और कहा था कि यहाँ भाजपा की जमानत जब्त हो गई लेकिन इस बार वो भी उसी कैटेगरी में आ खड़े हुए। पिछली बार उन्हें नोट भी मिले थे और वोट भी लेकिन इस बार वैसा क्यू नहीं हुआ चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चाएं हैं कि विधायक रावत साहब जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
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