शस्त्र और क्षत्रिय एक दूसरे के पूरक है। शस्त्र के बिना राजपूत अधूरा है। राष्ट्रीय राजपूत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर गजेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि राजपूतों को संगठित होकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करने की जरूरत है।
उन्होंने संगठन के महत्व को समझाते हुए कहा कि राजपूतोंं को छोटी-छोटी बातों पर पैदा हुए मतभेदों को समाप्त करके पारस्परिक प्रेम, सदभाव, भाईचारे, आपसी सहमति, मध्यस्थता एवं एकजुटता को बढ़ावा देकर राजपूत समाज की संस्कृति विरासत तथा इतिहास की रक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजपूत समाज ने हमेशा अन्य समाज के लोगों की रक्षा के लिए भी अपने प्राणों की आहूति दी है। इसका इतिहास गवाह है। इससे पूर्व राजपूत सभा द्वारा शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संरक्षक के.एस. भाटी, वीके चौहान, प्रवीण चौहान, सूरजपाल भाटी, देवेंद्र सिंह राणा, आरके राणा, धीर सिंह चौहान, विनोद कुमार तौमर, शशि भूषण सिंह पटना बिहार, प्रमोद चौहान नोएडा, अंशुमन शेखावत झुंझुनू, राजेंद्र सिंह चौहान रेवाडी, उमेश भाटी, प्रताप भाटी बल्लभगढ़, नीरज चौहान नोएडा, अनिल चौहान, दिनेश भाटी नोएडा सहित उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा के राजपूतों सदस्यों ने हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण चौहान ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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