बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने कहा कि सभी संबंधित विभाग स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इससे संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन सही समय पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप व्यवस्था लागू की है। इसकी पालना हर हाल में करनी होगी।
उन्होंने कहा कि 31 जनवरी 2025 तक (ग्रीन पटाखों को छोडक़र) पटाखों के निर्माण, भंडारण व उपयोग करने पर पूर्णतया रोक रहेगी। एडीसी ने कहा कि कि वायु प्रदूषण के निवारण के लिए सरकार द्वारा सजगता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। पांच सौ गज से ज्यादा बड़ी साइटों पर होने वाले निर्माण को लेकर डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का हर संभव प्रयास करें और मनमानी करने वालों के खिलाफ चालान करें।
एडीसी ने कहा कि ग्रेप नियमों की कड़ाई से पालना करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं जरनेटर सैट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग किया जाए, जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सडक़ों पर उडऩे वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संंबंधित विभागों द्वारा एंटी स्मॅाक गन को उपयोग में लाया जाए, साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर डीएसपी नरेश कुमार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी आकांक्षा तंवर, डीडीपीओ उपमा अरोड़ा, प्रदूषण विभाग के एसडीई हर्षित, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रितेश यादव, नगर परिषद होडल के कार्यकारी अधिकारी मनेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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