बीजेपी सरकार ने नौजवान के भविष्य को बेरोजगारी के गर्त में ढकेल दिया। कौशल निगम, अग्निपथ योजना के जरिये पक्की नौकरी को कच्ची नौकरी में बदल दिया। केन्द्र सरकार ने 30 लाख पक्की नौकरी खत्म कर दी, तो प्रदेश सरकार ने 2 लाख पक्की नौकरी खत्म कर दी। यहां तक कि प्रदेश के युवाओं को इजराइल युद्ध में भेजने के लिये बीजेपी सरकार ठेकेदार बन गयी। नौजवानों को कच्ची भर्ती और सीईटी में उलझा दिया जबकि हरियाणा के आम लोगों को पोर्टलों, पीपीपी, आईडी में उलझा दिया।
बुजुर्गों को मृत घोषित करके उनकी पेंशन, राशन कार्ड काट दिये। दीपेन्द्र हुड्डा ने अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग को पूरा कराने के लिए प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर पहली कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजने की बात दोहराई और कहा कि अग्निपथ योजना जायेगी, फौज में पहले की तरह पक्की भर्ती आयेगी।
दीपेन्द्र हुड्डा ने आज जारी संकल्प पत्र के ‘7 वादे, पक्के इरादे’ का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर कर्नाटक, हिमाचल की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर महिलाओं को शक्ति देने के लिए महालक्ष्मी योजना के माध्यम से 2000 रुपये और 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देंगे। सामाजिक सुरक्षा को बल देने के लिए बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवाओं को 6000 रुपये पेंशन देंगे। कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल होगी। भर्ती विधान के तहत युवाओं को 2 लाख पक्की भर्ती होगी। नशा मुक्त हरियाणा बनाएंगे।
हर परिवार को खुशहाली देने के लिए 300 यूनिट बिजली फ्री और 25 लाख रुपये तक के मुफ़्त इलाज की सुविधा देंगे। किसानों को MSP व सर्वाधिक भाव की गारंटी और तत्काल फसल खराबे का मुआवजा दिया जाएगा। गरीब परिवारों को 100-100 गज के मुफ़्त प्लॉट व इंदिरा आवास योजना के माध्यम से 3.5 लाख रुपये की लागत से 2 कमरे का मकान देंगे। जातिगत जनगणना कराएंगे और पिछड़ा वर्ग क्रीमी लेयर आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे। कांग्रेस ने आज 7 बड़ी गारंटी जारी की हैं। विस्तृत घोषणा पत्र जल्द ही चंडीगढ़ में जारी होगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 10 साल में प्रदेश को विकास की पटरी से उतार दिया। जो हरियाणा विकास, खुशहाली, अमन-चैन शांति का प्रतीक था वो हरियाणा आज देश के 28 राज्यों में बेरोजगारी, अपराध दर, नशे, भ्रष्टाचार में नंबर 1 बन गया। बीजेपी सरकार ने 10 वर्षों में समाज के हर वर्ग पर अत्याचार किया, उनपर लाठियाँ बरसाई।
किसान, मजदूर, सरपंच, आंगनवाडी वर्कर, आशा वर्कर, महिलाएं, कर्मचारी, खिलाड़ी बेटियां यहाँ तक कि 5000 स्कूल बंद करने के खिलाफ स्कूली बच्चों तक को धरना देना पड़ा। बीजेपी का घमंड सातवें आसमान पर पहुंच गया। लोकसभा चुनाव के पहले अहंकार इतना बढ़ गया कि बाबा साहब के संविधान को खत्म करने के लिए 400 पार के नारे लगाने लगे, लेकिन जनता ने बीजेपी के सारे मंसूबे ध्वस्त कर दिये और अल्पमत की सरकार बना दी।
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