ऐसे में उनसे बंधुआ मज़दूरों की तरह काम करवाया जा रहा है । सरकार को कई बार माँग पत्र भी सौंप चुके है और हर एमपी एमएलए के पास जा चुके है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई । ऐसे में उन्हें सिर्फ़ जयहिंद से ही एक मात्र उम्मीद नज़र आ रही है । क्योंकि वे संघर्ष के साथी है ।
वही नवीन जयहिंद ने भी सरकार से अपील करते हुए कहा कि सीपीएलओ व एलसीएलओ का हाल बेरोज़गारों से भी बुरा है । प्रदेश में साढ़े सात हज़ार सीपीएलओ, एलसीएलओ आज काम कर रहे है लेकिन सैलरी के नाम पर सिर्फ़ खरीज मिल रही है । इतनी महंगाई के दौर में मात्र 6 हज़ार रुपये में आने जाने का किराया तक पूरा नहीं हो ।
सरकार इनका मानसिक और आर्थिक शोषण कर रही है । जहां एक तरफ़ डीसी रेट भी 13000 रुपये है और बिना पेपर के तनख़्वाह पाते है । वही सीपीएलओ व एलसीएलओ दो पेपर देते है और एक हज़ार रुपये फॉर्म के देते है लेकिन सैलरी नाम मात्र । यूपीएससी के फॉर्म भी 100 रुपये में भरा जाता है । इन्हें तो फिर यूपीएससी से भी ऊपर की सैलरी मिलनी चाहिए ।
जयहिंद ने आगे कहा कि ये बेरोज़गार हमारे पास तब आये है जब इनकी समस्या का कही समाधान नहीं हुआ । हमारी सरकार अपील है कि इनकी माँगो को सुना जाये और मानी जाए । ताकि इनका शोषण ना हो । ये कहीं नियम नहीं है कि कंप्यूटर जो एक स्किल है उसे दिहाड़ीदार मज़दूर से भी कम पैसे मिले । इतने में इनका गुजरा न हो परिवार को कैसे पालेंगे।
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