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पृथला, NIT-86 ,फरीदाबाद -89 में त्रिकोणीय और बल्लबगढ़, बड़खल, तिगांव में भाजपा कांग्रेस की टक्कर

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फरीदाबाद - हरियाणा में सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्ष कांग्रेस की तरफ से जिस तरह से विधानसभा चुनावों की तैयारी चल रही है उसे देखकर लगता है कि अगले महीने के पहले हफ्ते में आचार संहिता लग सकती है और चुनावों का एलान हो जाएगा।  सीएम नायब सैनी जहां रोजाना बड़ी -बड़ी घोषणाएं कर सत्ता विरोधी लहर को मात देने का प्रयास कर रहे हैं वहीं कांग्रेस की तरफ से ताबड़तोड़ बैठकें और हरियाणा मांगे हिसाब सहित कुमारी सैलजा की यात्रा भी चल रही है और सुरजेवाला भी अब एक यात्रा निकालने जा रहे हैं। 

प्रदेश में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के  बीच ही होगा क्यू कि इनेलो बसपा का गठबंधन और जेजेपी काफी कमजोर दिख रही है।  फरीदाबाद जिले की बात करें तो पृथला में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा सकेगा  है क्यू कि अगर भाजपा युवा नेता विनोद भाटी या नयनपाल रावत को टिकट देती है तो पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा हर हालत में चुनाव लड़ेंगे। अगर भाजपा टेकचंद शर्मा को टिकट देती है तो नयनपाल रावत भी हर हालत में चुनाव लड़ेंगे क्यू कि पांच साल सत्ता का स्वाद ले चुके हैं और मुँह में सत्ता की मलाई लगने के बाद किसी नेता का आसान नहीं है अगला चुनाव न लड़ना। पृथला में फिलहाल युवा नेता विनोद भाटी छाये हुए हैं और कई महीने से कुछ ऐसा पसीना बहा रहे हैं कि क्षेत्र के लोग विनोद भाटी को नयनपाल रावत से काफी अच्छा नेता बता रहे हैं।  कांग्रेस की टिकट संभवतः पूर्व विधायक रघुवीर तेवतिया को ही मिल सकती है। यहाँ इस बार त्रिकोणीय मुकाबला संभव है। 

तिगांव, बड़खल  और बल्लबगढ़ में कांग्रेस और भाजपा में ही मुख्य रूप से टक्कर हो सकती है। तिगांव में भाजपा की टिकट के दो प्रमुख दावेदार इस बार भी हैं जिनमे विधायक राजेश नागर और निवर्तमान वरिष्ठ उप महापौर देवेंद्र चौधरी हैं। कांग्रेस संभवतः ललित नागर पर भी फिर भरोषा जतायेगी , अन्य पार्टियां या यहाँ अन्य कोई ऐसा दमदार नेता नहीं दिख रहा है जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो। बल्लबगढ़ में भी कांग्रेस और भाजपा की ही टक्कर हो सकती है। भाजपा फिर मूलचंद शर्मा पर दांव खेलेगी जो इस समय केबिनेट मंत्री हैं और कांग्रेस की बात करें तो दो बार की विधायिका कुमारी शारदा राठौर  सहित पार्षद दीपक चौधरी कांग्रेस की टिकट प्रमुख रूप से मांग रहे हैं।  यहां भी कोई ऐसा दमदार नेता नहीं दिख रहा है जो त्रिकोणीय मुकाबले में दिखे। आम आदमी पार्टी, जेजेपी और इनेलो बसपा गठबंधन सिर्फ वोट कटुआ साबित हो सकते हैं।  बड़खल की बात करें तो यहाँ कांग्रेस विजय प्रताप को ही टिकट देगी। भाजपा की टिकट के दावेदारों में वर्तमान विधायिका सीमा त्रिखा जो इस समय शिक्षा मंत्री हैं।  मुख्यमंत्री नायब सैनी के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली जो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं , टिकट के प्रमुख दावेदार हैं।  यहां भी ऐसा कोई नहीं दिख रहा जो मुकाबले को त्रिकोणीय बना सके। 

अब आते हैं एनआईटी -86 पर तो विधायक नीरज शर्मा को कांग्रेस की टिकट मिलनी लगभग तय है।  सोशल मीडिया पर कुछ लोग पूर्व सांसद अवतार भड़ाना को कांग्रेस की टिकट का दावेदार बता रहे हैं लेकिन दूर तक सोंचें तो कांग्रेस हाईकमान इतना बुद्धू नहीं है कि एक जिले में चार सीट एक ही समाय के लोगों को दे दे।  तिगांव से ललित नागर गुर्जर समाज से, बड़खल से विजय प्रताप गुर्जर समाज से और बल्लबगढ़ से भी कांग्रेस की टिकट मांग रहे दीपक चौधरी गुर्जर समाज से और अब एनआईटी में चहलकदमी कर रहे अवतार भड़ाना गुर्जर समाज से ,,इसलिए लगता नहीं है कि एनआईटी में अवतार भड़ाना की दाल गल जाएगी क्यू कि बड़खल और तिगांव की सीट गुर्जर समाज को मिलनी लगभग तय है। अब बात करते हैं एनआईटी में भाजपा की तो इस बार यहाँ भाजपा की टिकट के कई दावेदार हैं जिनमे भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष यशवीर सिंह डागर , पूर्व विधायक नगेन्द्र भड़ाना , सतीश फागना, धर्मवीर भड़ाना , नीरा तोमर, आर एन सिंह , प्रणव शुक्ला प्रमुख हैं।  

नगेंद्र भड़ाना पर लोकसभा चुनावों में भीतरघात का बड़ा आरोप है। एनआईटी का भाजपा संगठन पिछले चुनाव की तरह इस बार भी उनके साथ नहीं है। इसलिए भाजपा की टिकट मिलने पर संदेह है। यशवीर डागर यहाँ से 2014 का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ चुके हैं और लगभग 35 हजार वोट उन्हें तब मिली जब उन्हें एनआईटी के लोग जानते तक नहीं थे और अब तो वो रोज दो जूते बदल रहे हैं।  डोर टू डोर अभियान के तहर सीवर के गंदे पानी में भी चल रहे हैं। जूता भीग जाए या कपडे खराब हो जाएँ कोई परवाह नहीं , जनता तक पहुंचना उनका प्रमुख लक्ष्य बन चुका है। क्षेत्र की लगभग 100 बेटियों को वो अपने कालेज में निःशुल्क उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं। बड़ी बात ये है कि यशवीर डागर की संगठन पर मजबूत पकड़ है।  सतीश फागना भी क्षेत्र में काफी मेहनत कर रहे हैं, युवा नेता और पार्षद पति कविंद्र फागना भी अपने भाई सतीश फागना के लिए क्षेत्र में काफी पसीना बहाते दिख रहे हैं,   धर्मवीर भड़ाना और आरएन सिंह , प्रणव शुक्ल भी अपने तरीके से मैदान में हैं।  नीरा तोमर भी टिकट की आस लगाए बैठीं हैं।  यहाँ त्रिकोणीय मुकाबला संभव है क्यू कि पूर्व विधायक नगेंद्र भड़ाना को अगर भाजपा ने टिकट न दिया तो वो चुनाव हर हालत में लड़ेंगे।  ऐसे में भाजपा -कांग्रेस और भड़ाना में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। यहां जेजेपी के करामात अली और बसपा के इकराम खान भी संभवतः मैदान में होंगे लेकिन इन लोगों के लिए 15 हजार वोट पाने का आंकड़ा ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतने जैसा होगा। 


अब आते हैं ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा सीट पर तो यहाँ भी त्रिकोणीय मुकाबला संभव है , यहाँ से भाजपा की टिकट के प्रमुख दावेदारों में वर्तमान विधायक नरेंद्र गुप्ता, पूर्व केबिनेट मंत्री विपुल गोयल और अजय गौड़ हैं। यहाँ सत्ता विरोधी लहर है और कहा जा रहा है भाजपा की टिकट अजय गौड़ को मिल सकती है।  ऐसे में अब विपुल गोयल नहीं चूकेंगे।  आजाद उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव लड़ सकते हैं ऐसा सूत्र बता रहे हैं।  फिर मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा।  यहाँ से कांग्रेस की टिकट के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी और हुड्डा के हनुमान कहे जाने वाले लखन सिंगला हैं।  वहीं सैलजा गुट के बलजीत कौशिक भी मजबूत दावेदार हैं।  लखन सिंगला इस समय सुर्ख़ियों में हैं क्यू कि अपने पैसे से भाजपा विधायक नरेंद्र गुप्ता के गड्ढों को भर रहे हैं , कहीं निजी खर्चे से सड़क बनवा रहे हैं तो कहीं सीवर साफ़ करवा  रहे हैं और अँधेरे में डूबे ओल्ड फरीदाबाद की जनता को रोशनी देने के लिए रोजाना लगभग 100 स्ट्रीट लाइटें बाँट रहे हैं।  बलजीत कौशिक भी जनसेवा कर रहे हैं और लोगों के सुख -दुःख में शामिल हो रहे हैं। उनकी मेहनत को भी कमजोर करके आंकना गलत होगा और सुमित गौड़ और उनके पिता जी भी कांग्रेस की टिकट मांग रहे हैं।  सुमित गौड़ आये दिन जनसेवा से जुड़े मुद्दों पर दीखते हैं। 

यहाँ से कांग्रेस की पहले पसंद अजय गौड़ हैं और कांग्रेस चाहती है भाजपा अजय गौड़ को ही टिकट दे ,,विपुल गोयल भी मैदान में उतर चुके हैं।  कुल मिलाकर यहाँ का मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है।  अजय गौड़ को अगर भाजपा टिकट देती है तो कांग्रेस लड्डू बांटेगी क्यू कि कांग्रेस उन्हें सबसे कमजोर समझ रही है। 

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