डिविजनल कमिश्नर संजय जून ने कहा कि यह कार्यक्रम पिछले कई सालों से चल रहा है और आज उसी की कड़ी में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग विभाग द्वारा जिले के 10 गावों में भेजा जा रहा है जहां पर महिला लिंगानुपात सबसे कम है। तीज के पावन पर्व के अवसर पर एक अच्छे अभियान की शुरुआत की गई है ताकि लोग बेटा-बेटी में फर्क न समझे।
जागरूकता वैन में लगी एलईडी के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जाएगा कि बेटा-बेटी एक समान है इनमें में फर्क न समझे और दोनों को बराबर का अधिकार दे। बेटी भी उतना महत्व रखती है जितना की बेटा रखता है। समाज में लड़कियों के अधिकारों और उनके महत्त्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारा प्रथम कर्त्तव्य है।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा, शिक्षा और उनके जीवन स्तर में सुधार करना है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की जागरूकता वैन समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलने एवं बेटियों को बचाने, बेटियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने में बढ़ाने में सेतु का कार्य करेगी। इस योजना को विभिन्न स्तरों पर कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें सरकार, स्थानीय प्रशासन, और नागरिक समाज संगठनों की भागीदारी शामिल है।
आज यह जागरूकता वैन बुआपुर गांव में जाकर लोगों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का सन्देश देगी और 10 दिनों तक यह वैन खेड़ी कला, कैली, मच्छगर, अटाली, प्रहलादपुर, शाजहांपुर, बदरौला, पन्हेड़ा खुर्द और चंदावली गांव जाएगी। जागरूकता वैन में लगी एलईडी पर जन जागरूकता से संबंधित फिल्में प्रदर्शित कर महिलाओं को जागरूक किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी मीनाक्षी चौधरी ने बताया कि तीज के त्योहार पर इस जागरूकता वैन को आज बुआ पुर गांव के लिए फ्लैग ऑफ करवाया गया है और यह जिला के 10 गावों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जाएगी। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी एक समान है। बेटियों को भी इतने मौके मिलने चाहिए जितने हम बेटों को देते हैं।
बेटियां भी दमखम रखती हैं और बेटियों को भी अपना अस्तित्व है जिसके बल पर ही वह सफलता हासिल करती हैं। बेटियों को उनका हक मिलना चाहिए। आज एलईडी युक्त इस जागरूकता वैन के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश पूरा-पूरा दिन चिन्हित गांव में चलेगा और लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
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