घोटालों और भ्रष्टाचार की वजह से हर तरफ समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। भाजपा नेता जन सरोकार से जुड़े मुद्दों का समाधान ही नहीं करना चाहते। क्योंकि यहाँ के मंत्री को होटल खोलने से फुर्सत ही नहीं है। इनकी स्तरहीन राजनीति की वजह से ही नगर निगम का चुनाव 3 साल से लटका हुआ है। जन समस्याओं को लेकर बल्लभगढ़ की जनता भाजपा नेताओं से सवाल पूछ कर हिसाब मांग रही है।
• पूरे शहर को कूड़ा घर में तब्दील कर दिया गया है। जगह-जगह कूड़े कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
• पूरे शहर की सीवर लाईने जाम है और सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है जिससे बीमारियां फैल रही हैं।
• अधिकतर जगहों पर पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है, लोग खरीद कर पानी पीने को मजबूर हैं।
• शहर में जल भराव की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। पानी की निकासी को लेकर सरकार की कोई योजना नहीं है।
• बिजली कट से जनता त्रस्त है। काफी जगहो पर बिजली के तार लटके हुए हैं, जिसकी वजह से जान माल का खतरा बना रहता है।
• अधिकतर कॉलोनियों में आंतरिक सड़के टूटी हुई हैं।
• शहर के सभी मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक व्यवस्था चौपट रहती है। लोग जाम में फंसे रहते हैं।
• अपराध चरम सीमा पर हैं। कानून व्यवस्था चरमरा गई है। लोगों का पुलिस प्रशासन पर विश्वास ही नहीं रहा।
• सभी सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है बिना पैसे के कोई काम नहीं होता।
• सरकारी संरक्षण में नशे का अवैध कारोबार हमारे युवाओं का भविष्य खराब कर रहा है।
• सार्वजनिक परिवहन सेवा तो पूरी तरह से फेल है पर अवैध बसें धड़ल्ले से चल रही है।
• लोगों को सरकारी डिपो से राशन नहीं मिल रहा है।
• अधिकतर सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी है।
• सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर व दवाइयों की कमी है। वहां सिर्फ एम.एल.आर काटने का काम होता है।
• हाईवे पर पर्याप्त फुट ओवर ब्रिज नहीं बनाए गए।
• पूरे शहर में लावारिस पशु गंदगी खाते घूमते रहते हैं ये पशु लोगों को सींग भी मारते हैं। गौशालाओं में पर्याप्त सुविधाएँ नहीं दी जा रही।
• गौंछी ड्रेन व गुड़गांव ड्रेन की सफाई की कोई योजना नहीं है।
• शहर की चारों दिशाओं में टोल टैक्स बढ़ाकर, लोगों की जेब काटने का काम किया जा रहा है।
• जो भी सड़के बनी है वहां इंटरलॉकिंग नहीं लगाते। लेवल का ध्यान नहीं रखते जिससे बहुत से घर सड़कों से नीचे हो गए हैं।
• बहुत जगहो पर सीवर के मेनहोल के ढक्कन टूटे हुए हैं।
• पार्कों की हालत खस्ता हो गई है।
• स्लम बस्तियों में कोई सुविधा नहीं दी जा रही।
• मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तो बढ़ाई नहीं पर काम के घंटे 8 से बढाकर 12 कर दिए।
• नगर निगम घोटाला शहर के माथे पर कलंक है। राजनेताओं के संरक्षण में हुए इस घोटाले में आज तक 1 रुपए की भी रिकवरी नहीं हुई है। अभी भी घोटालों का सिलसिला थमा नहीं है।
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