Faridabad Assembly

Palwal Assembly

Faridabad Info

NIT फरीदाबाद के सरकारी पशु चिकित्सालय में मनाया गया World Zoonoses Day

World-Zoonoses-Day-celebrated-in-Faridabad
हमें ख़बरें Email: psrajput75@gmail. WhatsApp: 9810788060 पर भेजें (Pushpendra Singh Rajput)

World-Zoonoses-Day-celebrated-in-Faridabad

फरीदाबाद, 6 जुलाई। एनआईटी, फरीदाबाद के सरकारी पशु चिकित्सा/पालतू पशु अस्पताल परिसर में विश्व जूनोसिस दिवस मनाया गया। इस वर्ष जूनोसिस दिवस का विषय है "जूनोटिक बीमारी के प्रसार को रोकना, बीमारियों के लिए तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए एक रूपरेखा तैयार करना और भविष्य में संक्रमण के खतरों का प्रबंधन करके जूनोसिस को नियंत्रित करना।" कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य किसानों और पालतू जानवरों के मालिकों के बीच टीकाकरण के बारे में जागरूकता पैदा करना था, जो प्रकोप को रोकने के लिए बहुत अनिवार्य है।

पशुपालन और डेयरी विभाग, फरीदाबाद के उप निदेशक डॉ वीरेंद्र सहरावत ने किसानों, पालतू जानवरों के मालिकों और टीम पशुपालन फरीदाबाद को संबोधित करते हुए कहा कि जूनोटिक रोग वे रोग हैं जो जानवरों से मनुष्यों में और इसके विपरीत प्रसारित हो सकते हैं। 

ये रोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं और मनुष्यों में होने वाली सभी संक्रामक बीमारियों में से कम से कम 60% इन्हीं के कारण होती हैं, जिनमें SARS, रेबीज, ब्रुसेलोसिस लेप्टोस्पायरोसिस और कई अन्य शामिल हैं। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई पाश्चर द्वारा एक जूनोटिक बीमारी (रेबीज) के खिलाफ पहला टीका लगाया गया था। उन्होंने मानव और पशु स्वास्थ्य के बीच सहयोग के लिए आवश्यक "एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण" पर भी जोर दिया।

उन्होंने बताया कि तेजी से जनसंख्या वृद्धि, वैश्वीकरण और पर्यावरण क्षरण के साथ, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और अधिक जटिल हो गए हैं। समाधान केवल एक क्षेत्र द्वारा नहीं पाया जा सकता है। एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण इस विचार का लाभ उठाता है कि मानव स्वास्थ्य, जानवरों, पौधों और पर्यावरण को प्रभावित करने वाली समस्याओं को बेहतर समन्वय, संचार और विभिन्न विषयों में सहयोगात्मक कार्यों के माध्यम से प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है और उनके समाधान टिकाऊ हो सकते हैं।

उन्होंने जोर दिया कि महामारी को रोकने में प्रारंभिक पहचान और निगरानी प्रणाली बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने स्वच्छता प्रथाओं और खाद्य सुरक्षा उपायों की वकालत की जो जूनोटिक रोगों के संचरण जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

इस अवसर पर डॉ. विनोद दहिया, डॉ. अमंगित पाराशर, डॉ. विकास मलिक, सुखविंदर, रंजीत, दिनेश व अन्य स्टाफ के साथ-साथ पालतू पशु मालिक व किसान मौजूद थे।

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Faridabad News

Post A Comment:

0 comments: