नई दिल्ली- फरीदाबाद निवासी पूर्व विंग कमांडर एवं जाने जाने समाजसेवी एडवोकेट सतिंदर दुग्गल और पर्याविद चेतन अग्रवाल के मुताबिक़ केंद्र सरकार द्वारा अरावली को बचाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। सतिंदर दुग्गल ने बताया कि 2005 में नेशनल कन्वज़र्वेशन जोन 2021 के रीजनल प्लान को प्रधानमंत्री कार्यालय में गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स ने अरावली के बचाव के लिए 2041 के रीजनल प्लान में बरकरार रखने व उसनें किसी भी तरह की छेड़ छाड़ करने से मना कर दिया है. आसान शब्दों में यह कहा जा सकता है की 2041 के लिए बनाये रीजनल प्लान में एक तरह से पूरे अरावली को ही समाप्त कर उसमे सी एल यू ( लैंड यूज़ कन्वर्शन), लाइसेंस व कंस्ट्रक्शन का रास्ता खोल दिया था, यानी 2041 तक अरावली का अस्तित्व समाप्त करने का प्रपोजल पास हो गया था जिसमे गुरुग्राम व फ़रीदाबाद में सबसे ज़्यादा नुक़सान फ़रीदाबाद में स्थित बड़खल से सूरजकुण्ड तक की अरावली रेंज को होता।
अब प्रधानमंत्री कार्यालय में गृह मंत्री की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स ने उस प्रपोजल को सिरे से ख़ारिज कर दिया है. फ़रीदाबाद में आम लोगों ने 50 से 52 डिग्री तक की गर्मी को सहन किया व अकारण सी दिखने वाली कोरोना काल की तरह से मौतें देखी व जिसके कारण मुर्दाघरों में जगह भी कम पड़ी, उसे देखते हुए फ़रीदाबाद के लोगों ने थोड़ी राहत की साँस ली है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार का आभार जताया।
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