फरीदाबाद। आईएमएसएमई आफ इंडिया ने उद्योगों में रिस्क मैनेजमैंट के प्रति जागरूकता लाने के लिये विशेष जागरूकता अभियान आरंभ किया है। इस संबंध में रिस्क फैक्टर के संबंध में न केवल उद्योगों को जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें नये परिवेश के अनुरूप जोखिम से निपटने के लिये बकायदा प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला के अनुसार वर्तमान परिवेश में जबकि उद्योगों के समक्ष चुनौतियां बढ़ी हैं ऐसे में रिस्क मैनेजमेंट एक ऐसी आवश्यकता है जिस पर ध्यान दिये बिना उद्योग का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। श्री चावला के अनुसार आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने बिजनेस को न केवल फायर, बाढ़, प्राकृतिक आपदा से बचाएं और इसके लिये इंश्योरेंस पर ध्यान दें बल्कि इसके साथ-साथ हमें उन जोखिमों की ओर भी ध्यान देना होगा जो उद्योग को आकस्मिक स्थिति में पहुंचा सकते हैं।
सेल्स, प्रोडक्ट, मैटीरियल, साइबर सैक्टर से जुड़े जोखिम सहित एक्सपोर्ट व कंटीन्यूटी फंड का उल्लेख करते हुए श्री चावला ने कहा है कि रिस्क मैनेजमेंट के लिये उद्योगों को सदैव तैयार रहना चाहिए और प्रारंभिक स्तर पर जोखिम को नियंत्रित करने के लिये कदम उठाए जाने चाहिएं। आपने स्पष्ट करते कहा है कि एमएसएमई सैक्टर्स जोकि आमतौर पर एक परिवार या एक व्यक्ति पर आधारित होता है, में बीमारी या अन्य आकस्मिक स्थिति से व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है ऐसे में हमें यह भी विचार करना होगा कि क्या बुरे वक्त के लिये उद्योग के पास आवश्यक पूंजी है अथवा नहीं। श्री चावला का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने उद्योग में जोखिम को नियंत्रित करने के लिये कारगर पग उठाए ताकि आपात स्थिति में काफी अधिक परेशानी का सामना न करना पड़े। श्री चावला ने बताया कि आईएमएसएमई आफ इंडिया ने इस संंबंध में विशेष कार्ययोजना तैयार की है और रिस्क मैनेजमेंट के लिये विशेष जागरूकता लाने के लिये मुहिम आरंभ की है। आपने जानकारी दी कि उद्योगों विशेषकर एमएसएमई सैक्टर को बताया जा रहा है कि किस प्रकार जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि आईएमएसएमई आफ इंडिया द्वारा इससे पूर्व भी कई ऐसे प्रोजैक्ट चलाए जा रहे हैं जिनसे उद्योगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी लाभ मिला है। संगठन द्वारा चलाए जा रहे मिशन 100, प्लस 5 एस प्रोजैक्ट के जहां रचनात्मक परिणाम सामने आए हैं वहीं विभिन्न विषयों पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार और वर्कशाप भी एमएसएमई सैक्टर के लिये काफी साकारात्मक रहे हैं।
विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि रिस्क मैनेजमेंट संबंधी नई मुहिम के परिणाम भी एमएसएमई सैक्टर के लिये काफी उपयोगी सिद्ध होंगे। श्री चावला ने उद्योग प्रबंधकों से आह्वान किया है कि वे संगठन की इस मुहिम का भी हिस्सा बनें।
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