इस प्रकार की घटनाओं के कारण सम्पत्ति तथा मानव जीवन को नुकसान होने की संभावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए जिलाधीश नेहा सिंह ने जिला में फसल अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं।
फसल की कटाई के बाद शेष बचे फसल अवशेषों को जलाने से जिला में पशुओं के चारे की कमी होने की संभावना बनी रहती है तथा इन अवशेषों को जलाने से भूमि के मित्र कीट भी मर जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरक भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा भी फसलों के अवशेष को जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान है। इन आदेशों की अवहेलना करने पर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध आईपीसी की धार 188 संपठित वायु प्रदूषण बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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