उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। जिला प्रशासन विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है और स्कूल संचालकों को छात्रों की सुरक्षा के लिए तय नियमों की पालना हर हाल में करनी होगी।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों के लिए ईको वाहनों को किसी भी हाल में नहीं चलाया जाए। ऐसे वाहन चालक नियमों की अवहेलना करते हुए बच्चों को अधिक संख्या में बैठाकर चलते हैं, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ कमर्शियल ईको वाहन ही चलाए जाएं, जिनमें चालक समेत छह से ज्यादा सवार नहीं होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि पलवल जिला एनसीआर में आता है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय की हिदायतों के अनुसार दस साल से पुराने डीजल चलित वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल चलित वाहनों पर पूर्णतय रोक है। उन्होंने सख्त हिदातय देते हुए कहा कि कोई भी स्कूल संचालक ऐसे वाहनों का प्रयोग न करें।
स्कूल प्रबंधन का दायित्व बनता है कि वह बच्चों के आवागमन के लिए बेहतर वाहन रखें और बेहतर चालक व परिचालक भी नियुक्त करें। इसके साथ-साथ सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी का पूर्णतय पालन करवाएं। आरटीए सचिव ने बताया कि जिले के प्राइवेट स्कूलों के वाहनोंं के चालक व परिचालकों की जिला प्रशासन की तरफ से शिविर लगाकर मेडीकल जांच करवाई जाएगी।
इस दौरान विभिन्न प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सदस्यों ने भी अपने-अपने सुझाव रखे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सदस्यों द्वारा स्कूली वाहनों की फिटनस व अन्य कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए जिला प्रशासन से 45 दिनों का समय मांगा गया है। इस पर आरटीए सचिव शशि वसुंधरा की तरफ से आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा।
इस मौके पर डीएसपी हेडक्र्वाटर नरेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामदिया घाघट, पलवल के खंड शिक्षा अधिकारी डा. मामराज रावत, होडल की खंड शिक्षा अधिकारी किरण बाला, हथीन के खंड शिक्षा अधिकारी सगीर अहमद और हसनपुर के खंड शिक्षा अधिकारी अमर सिंह समेत जिला की विभिन्न प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान और सदस्य मौजूद रहे।
Post A Comment:
0 comments: