इस अवसर पर श्री गुरु महाराज ने यहां माता के नौ दिन आराधना के लिए घट की सविधि स्थापना की। उन्होंने माता रानी से सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की और पहुंचे हजारों भक्तों को प्रसाद वितरित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज दो विशेष दिन हैं।
एक तो माता के आराधना के नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं और दूसरा आज से ही हमारा भारतीय नया वर्ष प्रारम्भ हो रहा है। उन्होंने सभी से अपने जीवन में नए संकल्प लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हमारे सनातन परंपरा में हर पर्व का एक विशेष अर्थ होता है। हमें चाहिए कि हम पर्वों के अर्थों को समझें और उन्हें अपने जीवन में महत्व दें।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने कहा कि माता की आराधना के पर्व का सीधा संकेत है कि हमें भी अपने परिवार, समाज और कार्यस्थल पर महिला शक्ति को सम्मान देना है। उनकी मदद करनी है और हर मातृशक्ति को माता शक्ति का स्वरूप समझकर सत्कार करना है।
इस प्रकार का कर्म निश्चित तौर पर हमें माता रानी की कृपा का पात्र बनाएगा। इस अवसर पर यहां सुबह से ही मंदिर, समाधि स्थल और परिक्रमा मार्ग पर बड़ी संख्या में भक्त जुटे। जिन्होंने नए वर्ष का शुभारम्भ गुरु दर से किया। भक्तों ने बताया कि यहां पर मांगी गई मन्नत जल्द से जल्द पूरी होती है। यह प्रत्यक्ष है और इसमें किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है।
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