इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस हादसे की वजह से परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पीड़ित परिवारों ने कहा कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है। क्योंकि अभिभावकों ने कई बार इस ड्राइवर के विरुद्ध शिकायत भी की थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे अनसुना कर दिया।
हादसे के दिन बस ड्राइवर के शराब पी रखी थी। यहां तक पता चला है कि एक गांव में लोगों ने ड्राइवर को रोक भी लिया था उससे बस की चाबी छीन ली थी। लेकिन हैरानी की बात है कि फिर भी स्कूल प्रबंधन ने उसी ड्राइवर से बस चलवाई।
सवाल यह भी है कि ईद की छुट्टी के बावजूद बच्चों को स्कूल क्यों बुलाया गया? सवाल स्कूल व्हीकल की सर्टिफिकेशन व नियमों की उल्लंघना के भी उठ रहे हैं। यानी हादसे के लिए ड्राइवर के शराब पीने से लेकर स्कूल प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन की कई स्तर पर हुई लापरवाही जिम्मेदार है। इसलिए जरूरी है पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आए और परिजनों को न्याय मिल सके। परिजनों की मांग है कि एक भी दोषी बख्शा ना जाए।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दोषियों पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए, जो नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों के लिए सबक साबित हो। साथ ही पूरे हरियाणा की स्कूल बसों की सुरक्षा को पूरी तरह रिव्यू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसा कोई हादसा पेश ना आए। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों के लिए हरसंभव मदद व घायल बच्चों के इलाज के लिए तमाम जरूरी व्यवस्थाएं करने की भी मांग की।
Post A Comment:
0 comments: