इस मौके पर श्री सिंगला ने राजा नाहर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजा नाहर सिंह एक सच्चे योद्धा थे, जिन्होंने अंग्रेजों के आगे कभी घुटने नहीं टेक बल्कि पूरे पराक्रम के साथ उनसे लोहा लिया, राजा नाहर सिंह की वीरता से अंग्रेजी हकूमत खौफजदा थी। राजा नाहर सिंह 32 साल के थे, जब उन्होंने 1857 के विद्रोह के दौरान अपनी छोटी सेना को अंग्रेजों के खिलाफ मैदान में भेज दिया था। ब्रिटिश वर्चस्व को स्वीकार करते हुए खुद को बचाने की पेशकश से इनकार करते हुए, उन्हें 9 जनवरी 1858 को चांदनी चौक में लटका दिया गया और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया गया।
लखन सिंगला ने कहा कि शहीद किसी जाति या धर्म का नहीं होता बल्कि सर्व समाज का होता है और राजा नाहर सिंह भी सर्व समाज के राजा थे, जिन्होंने हमेशा देश और मातृभूमि को सर्वाेच्च माना। श्री सिंगला ने कहा कि ऐसे अमर शहीद को हम कभी भूला नहीं सकते क्योंकि उनकी वीरता हम सभी में देशभक्ति का नया जज्बा पैदा करती है और इस जज्बे को जन-जन तक पहुंचाना होगा। कार्यक्रम में पहुंचने पर जाट महासभा के पदाधिकारियों एवं गणमान्य लोगों ने श्री सिंगला का फूल मालाओं एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेंद्र बीसला, पूर्व पार्षद दीपक चौधरी, रामकुमार यादव, आजाद सिंह चिकारा, आनंद पाल राठी, सुभाष चौधरी, रामरत्न, रविन्द्र मलिक, सुरेश मोर, जसवंत गहलावत, सतनाम मन, रिछपाल लांबा, सुंदर आजाद, राजपाल दहिया, प्रताप सिंह, संदीप चहल, कमल सोलंकी, अजित दलाल, रैसुद्दीन, मास्टर रामकिशन, बिजेंद्र चौधरी, अशोक सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे।
Post A Comment:
0 comments: