जयहिंद ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि किसान बार-बार सिंचाई विभाग के चक्कर काट रहे थे लेकिन उनकी कोई सुन नहीं रहा था | फिर वे किसान अपनी परेशानी लेकर उनके पास आये और वो फिर सिंचाई विभाग में एक्सइएन ऑफिस पर पहुचें |
एक अधिकारी के दफ्तर पर पहले ही ताला लगा हुआ था और कोई भी स्टाफ मोजूद नहीं था | न तो उन्होंने किसी तरह की सरकारी काम में बाधा डाली न ही सरकारी सम्पति को नुकसान पहुँचाया है और न किसी के किसी भी तरह की कोई मारपीट की है | किसान जो इतने दिनों से सरकारी दफ़्तर के चक्कर काट रहे थे आला अधिकारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और किसानों की समस्या का समाधान करवाया।
जयहिंद ने कहा कि राजनीति से प्रेरित कुछ राजनीतिक लोगों ने ये केस दर्ज करवाया था और वो इस मामले में जज साहब के सामने भी अपना पक्ष रख चुके है | इससे पहले वे इसी मामले में जेल भी जा चुके है | गाँव के सरपंच और पूर्व फौजी सहित किसान उनके पास आये थे और सिंचाई विभाग में उनके साथ गये थे |
वहां कर्मचारियों और अधिकारीयों का आपसी झगड़ा था जिससे किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा था | इस तरह के केसों से वो डरने वाले नहीं है | दर्जन भर केस जनता की आवाज उठाने के कारण चल रहे है उसी में ये केस भी है |
इस मौके पर एडवोकेट मदन लाल, एडवोकेट दीपक सिसोदिया,एडवोकेट सिद्धार्थ बजाज, मुनिपाल अत्री मोजूद रहे |
रविवार 19 मई को पहरावर की जमीन पर मनाया जायेगा भगवान परशुराम महाजन्मोत्सव :-
इस मौके पर जयहिंद ने ये भी बताया कि सभी 36 बिरादरी के भाईचारे के साथ मिलकर भगवान परशुराम महाजन्मोत्सव रविवार 19 मई को मनाया जायेगा और इस मौके पर देशी घी का भंडारा का आयोजन भी किया जायेगा | जल्द भी वे 36 बिरादरी के भाईचारे का चूल्हा न्योत का निमन्त्रण देना भी शुरू करेंगे |
जयहिन्द ने बताया पहरावर की जमीन आखिरकार प्रशासन ने समाज के नाम कर दी गई है | यह जीत फरसाधारी, मुंडन धारी व 36 बिरादरी के भाईचारे की है जो पिछले 2 साल से दिन-रात समाज के लिए काम कर रहे हैं, तन-मन-धन अपना निछावर कर रहे हैं चाहे वह 2 मिनट ही क्यों न दे रहे हो ।
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