जयहिंद ने बताया कि जयहिंद सेना का मक़सद जनता के मुद्दे उठाना और ज़रूरतमंदों की मदद करना है । शुरू दिन से वे और उनके साथियों ने जनता की हर समस्या के लिए आवाज़ उठाई है। “थार फूफा ज़िंदा है “ दादा दुलीचंद 104 साल के साथ प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेन्शन बनवाई।
हज़ारों मृतकों को ज़िंदा करवाया । लाखों लोगों के फ़ैमिलीआईडी में हुई गड़बड़ों को ठीक करवाया । काटे जगये बीपीएल राशन कार्डफिर बनवाये। खेल कोटा बहल करवाया। syl के मुद्दे को उठाया और ट्रैक्टर पर मार्च निकाला। दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते को बढ़ाने की माँग को उठाया और कई भत्ते बढ़ाये गए ।
भर्तियों के मुद्दों को उठाया और 65 हज़ार भर्तियाँ निकली गई । फरसे और 36 बिरादरी के भाईचारेके दम पर पहरवार की ज़मीन को प्रशासन के क़ब्ज़े से छुड़वाया। पीजीआई में बाहरियों की हो रही भर्ती के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और केस दर्ज हुआ।
भाईचारे और नशे के ख़िलाफ़ कावड़ यात्रा निकालने पर केस दर्ज हुआ । किसानों की आवाज़ उठाने पर केस दर्ज हुआ । सभी देवी देवताओं के आशीर्वाद और भाईचारेके सहयोग से उनके पास आने वाले हर फ़रियादी और ज़रूरतमंद की वे आवाज़ उठाते और आगे भी उठाते रहेंगे।
जयहिंद ने कहा कि वे अपना जीवन जनता को समर्पित कर चुके है अब चाहे उन पर हज़ार केस हो जाये वो नहीं डरते। जनता की आवाज़ विधानसभा के बाहर तक लेकर गए है। ये कोर कमांडर है जो उनके संघर्ष में साथ है। इसी भाईचारे के दम पर उन्होंने सड़क का संघर्ष किया है।
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