उपायुक्त विक्रम सिंह ने निर्देश दिए कि जिला में सभी स्कूलों की बसों की संघनता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि जिला में 1159 स्कूलों में 3338 बसें हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी बसों की जांच के लिए पुलिस, डीईओ और आरटीए की संयुक्त टीम का गठन किया गया है। यह सभी टीमें लगातार कार्य करेगी और बसों की जांच करेगी।
मीटिंग के दौरान उन्होंने आरटीए से फरीदाबाद जिला में की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। इस दौरान आरटीए मुनीष सहगल ने बताया कि दोपहर तक छह स्कूली बसों को इंपाउंड किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि बसों को लेकर कार्रवाई लगातार की जा रही है।
इस दौरान उपायुक्त विक्रम सिंह ने निर्देश दिए कि दस दिन के अंदर प्रत्येक बस की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत प्रत्येक बस में जो 14 नियमों की पूरी पालना हो। डीजल बस 10 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। पेट्रोल व सीएनजी की बस 15 साल से पुरानी नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल बस में आईपी कैमरा, मानिटर हो और 15 दिन की रिकॉर्डिंग बस में और 90 दिन की स्कूल में हो।
बस में महिला सहायक होनी आवश्यक है। सुरक्षित वाहन पॉलिसी के सभी नियम पूरे हो। चालक के पास पांच साल का अनुभव होना चाहिए। कंडक्टर के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन व फिटनेस सर्टिफिकेट हो। बसों में स्पीड गवर्नेंस लगा हो। स्पीड गवर्नर लगा हो और कार्य करता है।
अग्निशमन यंत्र लगा हो। ब्रेक व इमरजेंसी ब्रेक सही से काम कर रहे हों। हेड लाईट व बैक लाइट सही हो। फर्स्ट एड बॉक्स लगा होना चाहिए। मीटिंग में आरटीए मुनीष सहगल, जिला शिक्षा अधिकारी आशा दहिया भी मौजूद थे।
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