उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर चलने वाले वाहनों में सुरक्षा की दृष्टि के मद्देजर सरकार की सभी गाइडलाइन के अनुसार वाहनों की फिटनेस होनी चाहिए। अगर इसमें कहीं कोई कमी मिलती है तो ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया जाए या फिर उनके पंजीकरण रद्द कर दिए जाएं।
उपायुक्त नेहा सिंह ने बैठक के पश्चात संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला में स्कूलों के लिए जिन वाहनों का प्रयोग बच्चों को लाने व ले जाने के लिए किया जाता हैं, उनका पंजीकरण व फिटनेस चेक किया जाए। मोटर व्हीकल एक्ट व सुरक्षित वाहन पॉलिसी में जो भी नियम व नाम्र्स हैं, उसके तहत सभी स्कूल वाहनों की जांच जल्द से जल्द की जाए।
उन्होंने कहा कि जिला में सभी स्कूल वाहनों को चेक किया जाएगा। इस संबंध में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से भी बात की जाएगी, जिन स्कूलों के वाहन ठीक नहीं मिलेंगे या उनके कागजात पूरे नहीं मिलेंगे, ऐसे वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा या फिर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल संचालकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कंडम वाहनों को सडक़ों पर न चलाएं तथा उसमें बच्चों को लाने व ले जाने का काम तो बिल्कुल भी नहीं किया जाना चाहिए।
समस्त स्कूल संचालक मोटर व्हीकल एक्ट के सभी नियमों का कड़ाई से विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव हरियाणा ने जल्द से जल्द रजिस्टर्ड व अन रजिस्टर्ड वाहनों के कागजात चेक करने के आदेश दिए हैं, इसलिए जिले के सभी स्कूलों में लगे वाहनों को पूरी तरह से चेक कर लिया जाए। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि महेंद्रगढ़ जिले के कनीना में एक निजी स्कूल की बस एक दिन पहले हादसे का शिकार हो गई थी, जिसमें आधा दर्जन से अधिक बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। ऐसी संभावित दुर्घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
इस मौके पर आरटीए शशि वसुंधरा, पुलिस अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार बघेल आदि मौजूद रहे।
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