सीजेएम ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन से संबंधित मामले, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, रेवेन्यू, वैवाहिक विवाद का निपटारा आपसी सहमति से किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है, तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है।
इससे शीघ्र व सुलभ न्याय मिलता है। रजामन्दी सुलह आपसी सहमति से केसों की कहीं भी कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत, समाज में भाईचारे की भावना जैसे लाभ परिवादियो मिलते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालतों में सुलह करवाए गए केसों में दोनों पक्षों की जीत होती है।
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