किसान सभा के जिला उपप्रधान कामरेड ओम प्रकाश ने बताया कि एक अप्रैल को खरीद शुरू होते ही उनके संगठन ने जिला अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन दिया था कि खरीद व उठान प्रक्रिया को तेज किया जाए तथा बेमोशमी बारिश से सरसों व गेहूं को सुरक्षा के लिए तिरपाल व जरूरी व्यवस्था की जाए । परन्तु प्रशासन और सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया, इसी वजह से यह आढ़तियों व किसानों को नुकसान हुआ है, इसके लिए वे स्वयं जिम्मेवार हैं ।
उन्होंने चुने हुए जन प्रतिनिधियों जो अब फिर चुनाव लड़ रहे हैं और जनता से वोट मांग रहे हैं, इतनी नैतिकता नहीं है कि वे सरकार व प्रशासन को नसीयत दें कि किसान द्वारा पैदा किए गये उत्पादन को बर्बाद न होने दे और उन्हें न्यायोचित एमएसपी पर अपने उत्पादन बेंचने में किसी तरह की परेशानी न आए। वे किसानों व जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभाने में पूर्णत विफल रहे हैं।
ऐसे गैर जिम्मेवार लोग वर्तमान चुनाव में जनता से वोट मांगने आते हैं तो किसान उनसे स्वाल पूछते हैं या उनका शान्तिपूर्ण तरीके सेविरोध करते हैं तो विरोध करने व स्वाल पूछने वाले किसानों के विरुद्ध मुकदमें दर्ज करके उनको गिरफ्तार करवाया जा रहा है। किसान सभा सरकार व प्रशासन की तानाशाही कार्यवाही की कड़ी निंदा करती है तथा आगाह करती है कि वे अकेले किसान नहीं हैं, बल्कि सभी किसान संगठन एकजुट हो प्रशासन व सरकार की दादागिरी का मुंहतोड़ जवाब देगा।
उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि मन्डियों में खरीद, उठान व भुगतान प्रक्रिया को तेज करे, बेमौशमी बारिश से नुकसान की हिफाजत के लिए तिरपाल की व्यवस्था करवाए अन्यथा उसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ेगा। आज के प्रदर्शन में किसान नेता प्रताप सिंह सिंहमार, बलजीत मोखरा, नरेश, जोगेन्द्र देवसर व मूर्ति नीमड़ीवाली ने भाग लिया।
Post A Comment:
0 comments: