कृषि विभाग के अधिकारियों अथवा कर्मचारियों के साथ-साथ संबंधित गांवों में कार्यरत पटवारी, ग्राम सचिव और गंाव के नम्बरदार को कृषि क्षेत्र का अवलोकन नियमित रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने बताया कि इन निर्देशों के अनुरूप कृषि विभाग के कर्मचारी न केवल फिल्ड में रहकर बिजाई वाले गेहंू फसल क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं, इसके साथ ही पूरे जिले में ग्राम स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन कर रहे हैं।
इन किसान सेमीनारों के माध्यम से किसानों को इन-सीटू व एक्स-सीटू द्वारा फसल अवशेंष प्रबंधन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि खेतों में आग लगाने से न केवल वातावरण प्रदूषित होता है, अपितु जमीन का स्वास्थ भी खराब होता है और फसल उत्पादन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने बताया कि जिला पलवल में अब तक उदयपुर भंगुरी से धर्मपाल पुत्र उदय, बहरौला के जोगेंद्र पुत्र नेतराम एवं भिडूकी गांव के भगवान सिंह पुत्र हरचंदी किसानों का खेतों में आगजनी करने के लिए विभाग द्वारा चालान किया जा चुका है। उन्होंने जिला के सभी किसानों से आह्वïान किया है कि इस आर्थिक नुकसान के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यवाहियों से बचने के लिए किसान इस तरह के कदम न उठाकर अपनी फसल के अवशेष को खेतो में जुताई कर भूसा बनवाकर अथवा गांठे बनवाकर प्रबंधन करें।
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