उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को जिला के शहर व गांवों में पीने के पानी के लिए प्याऊ लगवाने सहित पीएचसी व सीएचसी पर पर्याप्त मात्रा में राहत स्वरूप दवाइयां व ओआरएस उपलब्ध कराने को लेकर निर्देश दिए। इसके अलावा जिले के लोगों को पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए संबंधित अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिए गए।
उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को किसानों के लिए एडवाइजरी जारी करने, ग्रीष्मकालीन फसलों पर मौसम की स्थिति के प्रभाव को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों बारे जागरूक करने के आदेश दिए। उन्होंने वन और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को आरक्षित व संरक्षित वनों में पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने, वन्यजीवों के लिए पीने के पानी जैसे तालाबों/जल निकायों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, आरक्षित वनों में जल की कमी का सामना कर रहे मानव आवासों में जल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा जिले के स्कूलों में पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्श्चिित करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। वहीं समय-समय पर अधिकारियों को स्कूलों में निरीक्षण करने के लिए भी निर्देशित किया गया।
श्रमिकों के लिए भी पेयजल की हो उचित व्यवस्था
एडीसी डा. ब्रह्मïजीत सिंह रांगी ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत, पंचायती राज संस्थाओं सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को श्रमिकों के लिए दिन के समय अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए काम के घंटों को पुनर्निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से कार्य स्थलों पर मजदूरों के लिए पानी उचित व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
जीवन रक्षक दवाओं व आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो
उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दवाओं की आपूर्ति स्थिति का अवलोकन करें। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस, तरल पदार्थ, जीवन रक्षक दवाओं व आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने सीएचसी/पीएचसी में, जहां भी ए.सी. और कूलर उपलब्ध हैं, हीट स्ट्रोक कक्ष में उपयोग किए जाने, आवश्यकता और उपलब्धता के अनुसार सीएचसी और पीएचसी में बर्फ और बर्फ के ठंडे पानी का प्रावधान, प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में ठंडे पानी को मिट्टी के बर्तनों में संग्रहित करने, सभी एंबुलेंस और अन्य पीएचसी वाहनों को मरीजों को रेफर करने के लिए चलने योग्य रखने, गर्मी की लहर के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करने, गर्मी से संबंधित मामलों के प्रबंधन के लिए मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों (एमएचयू) को प्रशिक्षित करने, सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में सभी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।
सार्वजनिक स्थानों पर हो गर्मी से बचाव के लिए उचित प्रबंध
उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जोखिम भरे क्षेत्रों की पहचान करें। सभी सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक, बाजार, अस्पताल, पब्लिक डीलिंग से संबंधित कार्यालयों में नगर परिषद, नगर पालिका, विकास एवं पंचायत विभाग के सहयोग से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने, धूप से बचाव के लिए उचित प्रबंध सहित मुख्य रूप से पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए।
गर्मी से बचाव के लिए आमजन को करें जागरूक
इसके अलावा अतिरिक्त उपायुक्त डा. ब्रह्मïजीत सिंह रांगी ने शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हीट अलर्ट और एहतियाती उपाय के बारे आमजन को जागरूक करें, खुले और ऊंचे सभा स्थलों में आश्रय और छाया संबंधित प्रबंध करने, जनता के लिए शांत विश्राम स्थान प्रदान करने के लिए व्यस्त समय के दौरान बड़े सार्वजनिक पार्कों को खुला रखने, प्राथमिक चिकित्सा और पानी की व्यवस्था करवाने, पशुओं के पीने के पानी के लिए टंकियों (नलकूपों के पास) का प्रावधान करने और वर्षा जल संचयन करने के निर्देश दिए।
ग्राम स्तर पर फील्ड स्टॉफ को सक्रिय करने के दिए निर्देश
उन्होंने पशुपालन और डेयरी विभाग को गर्मी और हीट वेव से बचाने के लिए पशुपालकों के बीच जागरूकता पैदा करने, ग्राम स्तर पर फील्ड स्टाफ को सक्रिय करने, गर्मी की लहर की स्थिति के दौरान प्रबंधन, सुरक्षित पेयजल के साथ मवेशियों के लिए पशु कुंड बनाने और उनका रखरखाव करने, पशुधन के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाने के लिए जरूरी निर्देश दिए।
इस अवसर पर डीएसपी हेडक्र्वाटर नरेश कुमार, उप सिविल सर्जन डा. रामेश्वरी, डा. पुष्पा, नगर परिषद पलवल के कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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