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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पलवल, होडल व हथीन की अदालतों में किया गया राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

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पलवल, 09 मार्च। जिला की अदालतों में शनिवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार वर्ष 2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन पुनीश जिंदिया के नेतृत्व तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्राधिकरण के सचिव कुनाल गर्ग के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटारा करने के लिए जिला अदालत पलवल, होडल एवं हथीन की अदालतों में राष्ट्रीय लोक अदालतें लगाई गई। इन लोक अदालतों में कुल 2 हजार 580 केसों में से 1 हजार 692 केसों का निपटारा किया गया।

 जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीश जिंदिया तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुनाल गर्ग के नेतृत्व में वर्ष 2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जिला न्यायिक परिसर पलवल में सभी मामलों के निपटान के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सूर्यचन्द्र कांत, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय कुमुद गुगनानी, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंकिता शर्मा, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट विकास वर्मा एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट आयुश गर्ग की न्यायिक पीठें पलवल में बनाई गईं।

इसी प्रकार होडल न्यायिक परिसर में उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं चेयरमैन उपमंडल विधिक सेवा समिति छवि गोयल व न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए बैठाया गया। इसी क्रम में हथीन न्यायिक परिसर में उपमंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं चेयरमैन उपमंडल विधिक सेवा समिति हथीन पवन कुमार की न्यायिक पीठ को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाने के लिए बैठाया गया। इसके अलावा चेयरमैन पब्लिक यूटिलिटी सर्विस एवं परमानेंट लोक अदालत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग के द्वारा भी  प्री-लिटिगेटेड  मुकदमों का निपटान किया गया।
इन सभी न्यायिक पीठों में अधिवक्ता फुलवास डागर, अधिवक्ता महिपाल बघेल, अधिवक्ता महेश चंद शर्मा, अधिवक्ता कृष्णा शर्मा, अधिवक्ता हंसराज, अधिवक्ता संदीप अग्रवाल और अधिवक्ता टेकचंद बतौर सदस्य पीठ में शामिल हुए। प्राधिकरण के अधिवक्ता बचाव पक्ष नवीन रावत, जगत सिंह रावत, पिंकी शर्मा, संदीप गुप्ता ने भी लोक अदालत में बतौर रिमांड काउंसिल सहयोग किया।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुनाल गर्ग ने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में वाहन दुर्घटना मुआवजा, बैंक वसूली, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले, बिजली एवं पानी के बिल संबंधी मामले, श्रम विवाद, सभी प्रकार के पारिवारिक विवाद, चैक बांउस, राजस्व मामले आदि को रखा गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में इन विवादों के निपटारे के लिए सुलह एवं समझौते के आधार पर निपटारे के प्रयास किए गए, जिसके चलते राष्ट्रीय लोक अदालतों में पारिवारिक मामलों में 13 में  से 13 मामलों का सहमति से निपटाया गया। फौजदारी के कुल 492 मामलों में से 478 मामलों का निपटारा हुआ। चैक बाउंस के 59 केसों में से 13 मामले आपसी सहमति से निपटाए गए। वाहन दुर्घटना के 62 मामलों में से 52 मामलों को निपटाया गया। बैंक वसूली के 278 में से 237 मामले निपटाए गए। अन्य दीवानी मामलों में केसों में से मामले निपटाए गए। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में मोटर व्हीकल एक्ट/बिजली चोरी के  मामलों की भी सुनवाई की गई।

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