राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इन विस्थापित भाइयों के साथ सदैव खड़ा रहा है। भविष्य में भी उनकी नागरिकता संबंधी और अन्य कार्यों के लिए सदैव खड़ा रहेगा। उन्होंने सभी विस्थापितों भाइयों से अपील की कि सभी अपने कागजात जल्द से जल्द जमा करें। ताकि उनकी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सके। संघ के सभी उपस्थित पदाधिकारियों ने शरणार्थियों संग होली खेलकर उनका सम्मान भी किया।
सेक्टर 21 सी स्थित सामुदायिक भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थियों के लिए होली मिलन समारोह में उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथि के रूप में राजीव जेटली, मीडिया सलाहकार, मुख्यमंत्री हरियाणा ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता दिलवाने के लिए लाया गया है।
उन्होंने विस्थापितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम में से बहुत से लोगों ने इस पीड़ा को सहा है। वर्तमान सरकार, प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी आपकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए फरीदाबाद पश्चिम के संघचालक संजय अरोड़ा ने भी विस्थापितों का स्वागत और धन्यवाद किया।
कार्यक्रम आयोजक सामाजिक सद्भाव संयोजक अरुण वालिया जो कि पिछले आठ वर्षो से विस्थापितों के जीवन के हर क्षेत्र उनके सुख-दुख, रोजगार स्वास्थ्य और कन्याओं की शादियों और नागरिकता संबंधी सभी कार्यों में उनकी सहायता में जुटे हुए है। उन्होंने इस अवसर पर गुरु गोविंद सिंह और उनके परिवार की समाज, धर्म और देश के लिए की गई कुर्बानियों को याद किया और पाकिस्तान से आए *इन हिंदू और सिख विस्थापितों को गुरु गोविंद सिंह जी का सच्चा अनुयायी बताया, जो अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना घर बार, कारोबार सब कुछ छोड़ कर आज यहां पर बहुत ही दयनीय स्थिति में रह रहे हैं, परंतु किसी भी हाल में अपना धर्म नहीं छोड़ा। उन्होंने समाज से अपील की कि हम सब मिलकर विस्थापित भाइयों को अपने गले लगाए और उनकी हर संभव सहायता करें ।
इस अवसर पर सेवा भारती से धर्मपाल, हरिओम, मनोज जेटली, रितु सिंह, रजनी रावत एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गोविंद, सुनील, राम, छत्रपाल, महेंद्र एवं समाजसेवी प्रीति और जोगिंदर सिंह उपस्थित रहे। इस मौके पर भारत माता की जय उद्घोष के बीच फूलों द्वारा होली मिलन समारोह सम्पन्न हुआ।
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