जयहिन्द ने भाई मोनू, नवीन बौंद व उनकी पूरी टीम का इस नेक काम के लिए बहुत धन्यवाद किया, क्योंकि रक्तदान से बड़ा कोई दान नही होता। साथ ही जयहिन्द ने बताया कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने भी सौ से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाए है।
जयहिन्द ने देश, प्रदेश के हस्पतालों मे खून की कमी के हालात बताते हुए कहा कि समय पर खून न मिलने की कमी के कारण लाखो लोगो की मौत हो जाती है, लेकिन रक्तदान करने वाला एक व्यक्ति कम-से-कम चार लोगों की जान बचाता है। जो भी रक्तदान करता है हम उसे रक्तवीर भी बोल सकते है।
जयहिन्द ने युवाओ का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि आप सब इसी तरह समाज कल्याण के कार्य करते रहिए, अगर आप जैसे लोग होंगे तो यह देश अपने आप सुधर जाएगा। जिस तरीके से शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी के नाम पर यह रक्तदान शिविर लगाया गया है, हमारे क्रांतिकारियों को याद करने का इससे अच्छा तरीका कुछ नही हो सकता। इस अवसर पर मोनू, नवीन बौंद व पूरी टीम मौजूद रही।
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