फरीदाबाद, 29 मार्च। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि श्रमिकों को वेतन के साथ उद्योग मतदान के लिए अवकाश देना सुनिश्चित करें। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि आकस्मिक श्रमिक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 बी(1) के तहत विस्तारित सवैतनिक अवकाश लाभ के हकदार हैं। श्रमिकों को मतदान के लिए वेतन के साथ अवकाश न देने वाले उद्योगों के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने लोकसभा के आम चुनाव, 2024 और विभिन्न राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव, चरण-वार वैतनिक अवकाश के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा, 2024 के आम चुनाव और विभिन्न राज्यों के विधानसभा के लिए उप-चुनाव की घोषणा की है। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिशा निर्देश दिए गए हैं। यह दिशा-निर्देश भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर https://elections24.eci.gov.in/docs/press-note-no-23.pdf उपलब्ध है।
ये हैं भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतें:-
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा ऐसे किसी भी व्यक्ति के वेतन में कोई कटौती या कटौती उप-धारा (1) के अनुसार दी गई छुट्टी के कारण नहीं की जाएगी और यदि ऐसा व्यक्ति इस आधार पर नियोजित है कि उसे आमतौर पर छुट्टी नहीं मिलती है। ऐसे दिन के लिए मजदूरी, फिर भी उसे उस दिन के लिए उतनी ही मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। जितना उसने प्राप्त किया होता यदि उस दिन उसे छुट्टी नहीं दी गई थी।
यदि कोई नियोक्ता उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो ऐसे नियोक्ता को जुर्माने से दंडित किया जाएगा, जो पांच सौ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। यह धारा किसी भी निर्वाचक पर लागू नहीं होगी। जिसकी अनुपस्थिति से उस रोजगार के संबंध में खतरा या पर्याप्त नुकसान हो सकता है। जिसमें वह लगा हुआ है।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा इन प्रावधानों के अनुसार सभी निर्वाचक जो प्रतिष्ठानों और दुकानों के कर्मचारी हैं, जिनमें शिफ्ट के आधार पर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं, उन्हें उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के दिन सवेतन अवकाश दिया जाएगा। जहां लोकसभा के आम चुनाव और उप-चुनाव आयोजित होने वाले हैं।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि इसके अलावा, ऐसे मामले भी हो सकते हैं। जहां कोई व्यक्ति सामान्य रूप से निर्वाचन क्षेत्र का निवासी है और निर्वाचक के रूप में पंजीकृत है, वह सामान्य मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्र के बाहर स्थित किसी औद्योगिक उपक्रम या प्रतिष्ठान में सेवारत या नियोजित हो सकता है। यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसी स्थिति में, संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के बाहर काम करने वाले आकस्मिक श्रमिकों सहित वे मतदाता भी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 बी (1) के तहत विस्तारित सवैतनिक अवकाश के लाभ के हकदार होंगे। दैनिक वेतनभोगी/अनौपचारिक कर्मचारी भी मतदान के दिन छुट्टी और वेतन के हकदार हैं, जैसा कि आर.पी. अधिनियम, 1951 की धारा 135 बी में प्रावधान है।
विक्रम सिंह ने कहा भारत निर्वाचन आयोग चाहता है कि संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए आयोग की अधिसूचना (अधिसूचना) में उल्लिखित सभी चरणबद्ध चुनाव कार्यक्रमों के लिए सभी संबंधितों को उपयुक्त निर्देश जारी किए जाएं और उसकी एक प्रति आयोग को भेजी जाए। वहीं जानकारी और रिकार्ड पत्र की प्राप्ति की सूचना दी जाए। इस संबंध में आपका ध्यान धारा 135बी की ओर आकर्षित किया जाता है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 जो अनुदान का प्रावधान करता है। मतदान के दिन कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश दिया जाना सुनिश्चित करें। वहीं अधिनियम की धारा 135बी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 को पुनः प्रस्तुत किया गया है।
क्या है धारा 135बी:-
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि धारा 135बी के तहत कर्मचारियों को उस दिन सवैतनिक अवकाश प्रदान करना जरूरी है। सर्वेक्षण के अनुसार किसी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति और लोक सभा या किसी राज्य की विधानसभा के चुनाव में मतदान करने का हकदार, मतदान के दिन छुट्टी दी जाएगी।
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