उन्होंने कहा की मेरे साथ रिंकू जी और धर्मपाल लाट बैठे हैं और मेरे भी सिर पर पट्टी बंधी है। इसके अलावा 54 ऐसे लोग हैं, जिनके सिर फोड़े गए हैं या हाथ या पैर में फ्रेक्चर है। ये बर्बरता हरियाणा पुलिस के द्वारा कुरुक्षेत्र में की गई। अरविंद केजरीवाल को झूठे केस में जेल में बंद किया गया है। इनके पास कोई भी सुबूत नहीं है, इनके पास कोई भी कानूनी अधिकार नहीं था। इसके बावजूद रात के अंधेरे में सिटिंग सीएम को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में आम आदमी पार्टी के कुरुक्षेत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया।
उन्होंने कहा कि हम आज कई सारी तस्वीरें और वीडियो शेयर करेंगे। जो सुबूत हैं कि आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर हमला किया गया। इसके पीछे पुलिस की मंशा हमें रोकने की या प्रदर्शनकारियों को थामने की नहीं थी। घायल अवस्था में सड़क पर पड़े आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने चारों तरफ से घेरकर लाठीचार्ज किया। सिर के ऊपर निशाना बनाकर हमला किया गया।
उन्होंने कहा कि मुझे एक बार तो ऐसा लगा कि पुलिस आम आदमी पार्टी के नेताओं की हत्या करना चाहती है। वहीं बीच बचाओ कर रहे कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने बिना कुछ देखे लाठीचार्ज किया। कई सारे ऐसे तथ्य मौजूद हैं जिससे ये पता चलता है कि पुलिस बीजेपी के इशारे पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रही है।
उन्होंने कहा की मैं ये पूछना चाहता हूं कि जब हरियाणा में चुनाव आचार संहिता लागू है तो सर्वोसर्वा चुनाव आयोग है। पूरा प्रशासनिक अमला चुनाव आयोग के हाथ में होता है। ऐसे समय में हरियाणा पुलिस ने बीजेपी के इशारे पर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण हमला किया है। जिस तरीके से निशाना बनाकर आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या की कोशिश हुई है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी की जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम चुनाव आयोग में भी रिप्रेजेंटेशन देंगे कि क्या चुनाव आचार संहिता के रहते इस प्रकार की बर्बरता की जा सकती है? किस प्रकार का खतरा नजर आ रहा था कि लोगों के सिरों पर लाठियां चलानी पड़ी?
उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के डीएसपी को पुलिस की आपसी लड़ाई में चोट लगी है। वीडियो में भी नजर आ रहा है कि वाटर कैनन का मुंह पुलिस के कर्मचारियों की तरफ हो गया था। इस पर वे भद्दी भद्दी गालियां देते नजर आ रहे हैं। उसी का बदला लेने के लिए जब वे लाठीचार्ज कर रहे थे तो वाटर कैनन से सीधे उन पर हमला किया गया। वो औंधे मुंह जाकर सड़क पर गिरे। आम आदमी पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता का उनकी चोट से कोई भी लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम ये सभी वीडियो रिलीज करेंगे कि कैसे आम आदमी पार्टी के पहले से घायल नेताओं और कार्यकर्ताओं को घेरकर पीटा गया। नए नए मुख्यमंत्री नायब सैनी को खुश करने के लिए पुलिस के अधिकारी बर्बरतापूर्ण कार्रवाई कर रहे थे। हमारे 54 लोगों को चोट लगी है, 41 ने सिविल अस्पताल में अपना इलाज करवाया। कई साथियों ने प्राइवेट अस्पताल में भी अपना इलाज करवाया। हमने बर्बरतापूर्ण हुए हमले के सुबूत के तौर पर एमएलआर भी कटवाई है। गर्दन, सिर और चेहरे पर निशाना बनाकर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया है।
उन्होंने कहा कि ये किसी भी उस आवाज को क्रूरता से खत्म कर देना चाहते हैं जो इनके खिलाफ उठती है। किसी भी लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना लोगों का अधिकार है, जबकि शांतिपूर्ण व्यवस्थित करवाना पुलिस का अधिकार है। कहीं भी कानून में ये नहीं लिखा कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करे। घायल हुए कार्यकर्ताओं को मेडिकल सुविधा देने की बजाय उनपर दोबारा हमला किया जाए।
उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की जाए। भारतीय जनता पार्टी के किस नेता और प्रदेश मुख्यमंत्री या किस बीजेपी मंत्री के इशारे पर सिरों को निशाना बनाकर लाठीचार्ज किया गया। वहीं प्रदर्शन के दौरान गाड़ी में भर के सिविल ड्रेस में कुछ लोग आए और इन्होंने सिर को निशाना बनाकर कार्यकर्ताओं पर हमला किया। हम इस मामले की न्यायिक जांच करवाना चाहते हैं। किसके बीजेपी नेता के इशारे पर सिर के ऊपर हमला किया गया? क्या विपक्ष के नेताओं को खत्म करने की साजिश के तहत ऐसा किया गया है?
उन्होंने कहा की हम इस बारे में चुनाव आयोग में न्यायिक जांच की अपील करेंगे। वहीं पुलिस की आड़ में प्राइवेट गुंडों से आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला करवाया गया। एक ही विरोध प्रदर्शन में 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण हमला किया गया। हम इसका जवाब चुनाव आयोग से चाहते हैं। आखिर किस सोच के साथ जानलेवा हमला किया गया। इस घटनाक्रम की न्यायिक जांच की जाए। नहीं तो ये स्पष्ट है कि बीजेपी का प्रशासन पर पूरा कंट्रोल है। जांच एजेंसियां, पुलिस और प्रशासन बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं। जोकि देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है।
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