उन्होंने कहा कि अगर यह उतार-चढ़ाव नहीं दिया जाता तो ग्रामीणों को हाईवे का प्रयोग करने के लिए करीब आठ किलोमीटर चलना पड़ेगा। समय की बचत और तेल की खपत कम करने के उद्देश्य से यह मांग की गई है।
इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि मोहना गांव के पास इस उतार-चढ़ाव के बाद ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस व वेस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस वे और जेवर-फरीदाबाद एक्सप्रेस वे तीनों का फायदा ग्रामीणों को मिलेगा। इस मुलाकात के बाद केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के चेयरमैन को निर्देश दिए कि वह तकनीकी टीम व किसानों के साथ मौके पर जाकर दौरा करें व फिजिबिलिटी चैक करें।
उन्होंने चेयरमैन को निर्देशित करते हुए कहा कि वह दौरा कर अगले दो दिन में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि आस-पास के ग्रामीणों को इस हाईवे का फायदा हो सके। उन्होंने केंद्रीय उर्जा एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को आश्वासन दिया कि किसानों व आस-पास के ग्रामीणों के हित में बेहतर कदम उठाया जाएगा।
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