आईएमएसएमई आफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला के अनुसार पिछले कुछ समय में यह तथ्य सामने आया है कि सरकार बजट को वित्तीय पहलु पर ही फोकस रख रही है और यह संदेश देने में सफल सिद्ध हो रही है कि बजट का अर्थ परिवर्तनकारी नीतियों की घोषणाओं नहीं है, क्योंकि यह योजनाएं व नीतियां कभी भी बनाई या अमल में लाई जा सकती है।
चावला का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने साधनों व संसाधनों को सुदृढ़ बनाए क्योंकि इसी से वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ाया जा सकता है। मौजूदा बजट भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा है कि यह बजट भाषण सबसे छोटे सम्बोधन में से एक रहा, जो स्वागत योग्य है।
बजट में किसी बड़े कर और शुल्क परिवर्तन की घोषणा न करना, 1 करोड़ परिवारों के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली, सौर ऊर्जा पर फोकस इत्यादि प्रावधानो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा है कि चुनाव पूर्व बजट होने के बाबजूद बजट में कम लोकलुभावन उपायों की घोषणा की गई, जोकि निश्चित रूप से स्वागत योग्य है।
राजकोषीय घाटे का लक्ष्य अनुमान से बेहतर रहने और जीडीपी अनुपात में उच्च स्तर के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री चावला ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता की ओर बढ़ते कदम स्वागत योग्य है।
चावला का मानना है कि बजट में एमएसएमई सैक्टर के लिए राहत या योजना का अभाव इस सेक्टर के लिए कुछ निराशाजनक है, परन्तु जैसाकि कहा गया है कि सरकार बजट भाषण को नीतियों में परिवर्तन के अवसर की धारणा से निकालना चाहती है, ऐसे में विश्वास व्यक्त किया जा सकता है कि आने वाले समय में एमएसएमई सैक्टर के लिए शीघ्र ही विशेष कार्यनीति को अमल में लाया जाएगा।
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